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देहरादून। आज के ही दि पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी भारत के सामने झुक गया था.आज ही के दिन पाक ने भारत के सामने घुटने टेके और पाक के जनरल ने 90 हजार सैनिकों के साथ भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जसजीत अरोड़ा के सामने सरेंडर किया और अपनी पिस्तौल भी भारत के ले. जनरल जसजीत को सौंप दी। इसके बाद ये युद्ध खत्म हो गया।
बता दें कि पाक के ले. जनरल ने जो पिस्तौल भारत के ले. जनरल को सौंपी थी वो आइएमए में संजोए रखी है। ये पिस्तौल भारत की वीर गाथा को प्रदर्शित करता है और भावी सैन्य अफसरों में जोश भरने का काम करती है। भारतीय सेना का गौरवशाली इतिहास रहा है जो की युवाओं में जोश भरने का काम करता है।
ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल ने दी थी IMA की गोल्डन जुबली में ये पिस्तौल
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आपको बता दें कि आइएमए के म्यूजियम में रखीं 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध की ऐतिहासिक चीजें उत्तराखंड और देश के युवा अफसरों में जोश भरने का काम करती है। ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल अरोड़ा ने यह पिस्तौल आइएमए के गोल्डन जुबली साल 1982 में आइएमए को दी थी।
पाक का ध्वज जो आइएमए में उल्टा लटका हुआ
वहीं बता दें कि इसी युद्ध से जुड़ी दूसरी चीज है, पाक का ध्वज जो आइएमए में उल्टा लटका हुआ है। इस ध्वज को भारतीय सेना ने पाकिस्तान की 31 पंजाब बटालियन से7 से 9 सितंबर तक चले सिलहत युद्ध के दौरान कब्जे में लिया था। जनरल राव ने आइएमए के गोल्डन जुबली साल में ये झंडा अकादमी को दिया गया। 1971 में हुए युद्ध की एक अन्य निशानी जनरल नियाजी की काफी टेबल बुक भी आइएमए में है जो शोभा को और बढ़ाती है। यह निशानी कर्नल (रिटायर्ड) रमेश भनोट ने जून 2008 में आइएमए को सौंपी थी।