स्वच्छता और कीमत को ध्यान में रखते हुए दो लड़कों ने महिलाओं-युवतियों के लिए एक ऐसा पैड तैयार किया है जो की धुलने के बाद 120 बार इस्तेमाल किया जा सकता है.
केले के फाइबर से तैयार किया पैड
जी हां आपको बता दें कि ये हुनर भरा काम कर दिखाया है IIT दिल्ली के दो छात्रों ने. इन दोनो छात्रों ने अपने स्टार्टअप स्नैफ के जरिए खास सैनिटरी पैड बनाया है. जिसे एक से ज्यादा बार इस्तेमाल किया जा सकता है. इस सैनिटरी नैपकिन को केले के फाइबर से तैयार किया गया है. स्नैफ ने आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसरों के साथ मिलकर तैयार किया है.
हर महिला को हर महीने पीरियड्स की स्थिति से गुजरना पड़ता है.युवतियों-महिलाओं की जीवन की ये एक सच्चाई है. महीने के 4-5 दिन बेहद पीड़ा जनक होते हैं और आजकल के समय में बाजार में कई तरह के महंगे से महंगे पैड आ गए हैं जिसे इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में ये रियूजेबल सैनिटरी नैपकिन महिलाओं के लिए लाभदायक साबित होंगे. आपको बता दें कि IIT दिल्ली के बीटेक के लास्ट ईयर के छात्र अर्चित अग्रवाल और हैरी सहरावत ने विभिन्न विभागों के प्रोफेसर के साथ मिलकर ये सैनिटरी नैपकिन तैयार किया है.
इतनी बार किया जा सकता है इस्तेमाल
ये सैनिटरी नैपकिन 120 बार इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर आप इस सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं तो इसे डिटर्जेंट के साथ ठंडे पानी में धोने के बाद कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है.
कीमत
बता दें ये सैनिटरी पैड विभिन्न कपड़ों की चार परतों से बना हुआ है. 2 नैपकिन की कीमत 199 रुपये रखी गई है. पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले इन नैपकिन को कूड़ेदान, खुले स्थान या जल में फेंक दिया जाता है. इन्हें जला दिया जाता है या मिट्टी में दबा दिया है या फिर शौचालयों में बहा दिया जाता है.