ब्यूरो-पांच राज्यों में चुनावी माहौल के बीच जारी हुए बजट में मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुनावों का पूरा ध्यान रखा है। बजट कई लोकलुभावन पेशकश की गई है। नया टैक्स स्लैब निर्धारित करते हुए सरकार ने जहां आयकर का दायरा घटाया है। वहीं एफडीआई के लिए देश की खिड़कियों को दरवाजों में तब्दील करने का मन बनाया है।
हालांकि अभी सरकार ने ये तय नहीं किया है कि विदेशी पूंजी का सीधा निवेश किन-किन सेक्टरों में किया जाएगा लेकिन इतना तय हो गया है कि प्रत्यक्ष पूंजी निवेश का सरकार खैरमकदम करेगी। इसके तहत सरकार ने FIPB (Foreign Investment Promotion Board) संस्था को खत्म करने का निर्णय लिया है जिसके बारे में संबंधित घोषणा आने वाले समय में होगी।
ऐसे में माना जा रहा है कि बोर्ड खत्म होने के बाद विदेशी पूजी निवेश के लिए सरकार अराजक सी हो जाएगी और मनमर्जी के मुताबिक इस संवेदनशील शील पर फैसले लेगी। ऐसे में कुछ अर्थशास्त्रियों की शंका है कि विदेशी पूंजी निवेश पर निगरानी रखनी वाली संस्था के खत्म हो जाने से विदेश कंपनियां अब चोर दरवाजे से भारतीय प्रतिष्ठानों पर कब्जा करेंगी।