नैनीताल। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण के मामले पर सुनवाई करते हुये हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने लम्बित चल रहे यूपीएससी परिणाम दस फीसदी सीटों को छोड़कर घोषित करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी तक के लिए टाल दी है। राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण से जुड़ी जनहित याचिका पर शुक्रवार को जस्टिस सुधांशू धूलिया और जस्टिस यूसी ध्यानी की खंडपीठ में सुनवाई हुई। खंडपीठ ने मामले से जुड़े तमाम पहलुओं पर सुनवाई के बाद 2012 से रूके यूपीएससी के परिणाम घोषित करने का आदेश दिया। हालांकि कोर्ट ने ये शर्त भी रखी है कि आयोग इन परिणामों में दस फीसदी सीटें कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक घोषित नहीं करेगा। राज्य आंदोलनकारियों की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता रमन साह ने इस बात की पुष्टि करते हुये कहा कि आंदोलनकारियों को आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट का ये आदेश अहम है। पहले भी कोर्ट ने इंदिरा साहनी केस का हवाला देते हुये कहा था कि राज्य सरकार चाहे तो आरक्षण दे सकती है। अब एक बार फिर राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण के मामले में न्याय की उम्मीद जगी है।