हरिद्वार- राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर व हरिद्वार रेंज के मिलान पर सपेरा बस्ती से चंद कदम दूर दूधिया बंद सेक्शन में गुलदार के तीन कंकाल और एक खाल गड्ढे में दबी मिलने से सनसनी फ़ैल गयी है। वहीं खाल को देख कर अंदाजा लगाया जा रहा है कि शिकार कुछ ही दिन पहले किया गया है। वहीं तस्करों की सक्रियता से सुरक्षा दावों पर भी सवाल उठ रहे हैं। पार्क अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है. राजा जी टाइगर रिज़र्व के डायरेक्टर सनातन सोनकर ने इसे टाइगर रिज़र्व को बदनाम करने की साज़िश बताया.
पार्क प्रशासन को हरिपुरकलां गांव के पास सपेरा बस्ती से सटे जंगल में गुलदार के कंकाल दबे होने की सूचना मिली। पार्क के उपनिदेशक वैभव सिंह ने एक टीम मौके पर भेजी। टीम ने मौके से मिट्टी में दबा गुलदार का एक कंकाल बरामद किया.
वहीं डायरेक्टर सनातन सोनकर ने कहा की जो हड्डी और जो मांस मिला है वो जानवर की खाल से बिलकुल अलग है. मांस जहां ताज़ा है वहीं खाल दो तीन साल पुरानी है. दोनों को फोरंसिक जाँच के लिए भेज दिया है तभी पता लग पाएगा की हकीकत क्या है.
दो कंकाल व एक खाल मिली
लेकिन सूचना और टीम के बयानों में विरोधाभास होने पर देर शाम निदेशक ने खुद मौका मुआयना किया। इस दौरान चार अलग-अलग जगहों पर खुदाई की गई। जहां से दो कंकाल व एक खाल मिली। इनको सीज कर मोतीचूर रेंज लाया गया।
ये निश्चित रूप से मेरे खिलाफ साज़िश है
वहीं राजा जी टाइगर रिज़र्व के निदेशक का कहना है की ये की तस्कर का काम नहीं हो सकता ये निश्चित रूप से मेरे खिलाफ साज़िश है और तो और मुझे पूर्व में कई बार धमकी भी मिली है.
सुरक्षा व नियमित गश्त के दावों की पोल खुलकर सामने आई
पूरे मामले की जांच की जा रही है। वहीं पार्क क्षेत्र में गुलदार के कंकाल व खाल बरामद होने से सुरक्षा व नियमित गश्त के दावों की पोल खुलकर सामने आई है। सनातन सोनकर ने बताया की मेने राजा जी नेशनल पार्क को सुरक्षित टाइगर ज़ोन बनाने की कवायद की है जिसमे दो टाइगर पिछले कई वर्षो से हमारे प्रयास से सुरक्षित हैं कहीं न कहीं ये जताया जा रहा है की यहां तस्कर हावी है और इस पार्क में टाइगरो को न छोड़ा जाये ,लेकिन आपको बता दें कि यहां टाइगर 100 % सुरक्षित है.
पार्क प्रशासन और टाइगर रिज़र्व के बड़े अधिकारी के आमने-सामने आने से आखिरकार राजा जी नेशनल पार्क में मिले सावको के शवों से सनसनी से जहां माहौल गरम हो गया है.