देहरादून: निजी बस आपरेटरों की शहर में विक्रम संचालन के प्रति चौथे दिन भी हड़ताल जारी है..इसी को देखते हुए सरकार ने शनिवार से शहर व देहात क्षेत्रों में 30 रोडवेज बसों का संचालन शुरू करा दिया। हालांकि, बसों की संख्या कम होने से यात्रियों को कुछ खास राहत नहीं मिल सकी। शहर में तो विक्रमों से काम चल गया, लेकिन देहात और पर्वतीय मार्गो पर यात्रियों की मुसीबतें कायम रहीं। दरअसल, देहात एवं पर्वतीय क्षेत्रों में 240 निजी बसें चलती हैं लेकिन इनके मुकाबले रोडवेज ने महज 15 बसें संचालित कराईं।
रोडवेज बसों ने पूरे दिन में दून-डाकपत्थर रूट पर 50 फेरे लगाए और ये यात्रियों से खचाखच भरी रहीं। वहीं, परिवहन विभाग ने पिछले पांच दिन से आरटीओ दफ्तर के मार्ग में खड़ी 35 सिटी बसों पर धारा-86 के अंतर्गत परमिट निरस्त करने का नोटिस चस्पा कर दिया। ी आपरेटरों को डाक से परमिट निरस्त करने के नोटिस भी भेजे जा रहे हैं।
विक्रमों के संचालन के विरुद्ध जिद पर अड़े बस आपरेटर परिवहन विभाग की इस कार्रवाई से सकते में तो हैं, लेकिन खत्म करने को राजी नहीं। सरकार के आगे बस आपरेटरों के न झुकने के संकेत के बाद शनिवार को यात्रियों को रोडवेज बसों से गंतव्यों तक पहुंचाया गया। 15 बसें दून-विकासनगर-डाकपत्थर मार्ग जबकि 10 बसें दून-डोईवाला-जौलीग्रांट मार्ग पर चलाई गईं। पांच बसें शहरी मार्ग क्लेमेनटाउन-राजपुर पर चलाई गईं। शहर में हालात कुछ सामान्य रहे, मगर देहात व पर्वतीय मार्गो पर सुबह से रात तक यात्री बसों का इंतजार करते रहे। ट्रकों, लोडरों व अन्य वाहनों से सफर करना पड़ा। इस दौरान जमकर ओवरलोडिंग हुई। वहीं, परिवहन विभाग ने जिले भर चेकिंग अभियान भी चलाया, जिसमें 109 वाहनों का चालान और 15 वाहन सीज किए गए।जब तक खत्म नहीं होती तब तक ी बस आपरेटरों से किसी तरह की वार्ता नहीं की जाएगी।
आपरेटरों को परमिट निरस्त करने के नोटिस भेजे जा रहे। जो 35 सिटी बसें आरटीओ कार्यालय के बाहर खड़ी हैं, इनके विरुद्ध कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। यात्रियों को राहत देने के लिए रोडवेज बसें, विक्रम व हल्के वाहनों को सिटी बसों व निजी बसों के रूटों पर चलाया जा रहा है।स
राजपुर-क्लेमेनटाउन मार्ग पर रोडवेज बसों में डिस्प्ले बोर्ड न होना यात्रियों पर भारी गुजरा। यात्री जगह-जगह खड़े हुए थे, लेकिन उन्हें यही नहीं पता चल पाया कि ये बसें सिटी बसों के बदले संचालित की जा रही हैं। ऊपर से बस परिचालकों ने आवाज लगाकर यात्रियों को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। जिस कारण रोडवेज बसें पूरा दिन इस मार्ग पर लगभग खाली ही दौड़ती रहीं। 1बस आपरेटरों ने की नारेबाजी1आरटीओ कार्यालय के बाहर डेरा डाले रहे सिटी बस संचालकों ने नोटिस चस्पा कर रही परिवहन विभाग की टीम देखकर जमकर नारेबाजी व हंगामा किया। उन्होंने इसे गैर कानूनी कार्रवाई बताया।