डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती में आयु सीमा खत्म करने का शासनादेश महज शोपीस बनकर रह गया है। असिस्टेंट प्रोफेसर के 877 पदों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से प्रारंभ भर्ती प्रक्रिया में ऊपरी आयु सीमा 42 वर्ष निर्धारित की गई है, लेकिन इसके लिए उच्च शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन नहीं हो पाया है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया में नए आदेश को लेकर संशय पैदा हो गया है। नियमावली में संशोधन किया गया तो भर्ती प्रक्रिया दोबारा प्रारंभ करने की नौबत आ सकती है। राजकीय डिग्री कॉलेजों में शिक्षक संकट दूर करने को सरकार ने 877 रिक्त पदों पर भर्ती प्रारंभ की है।
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शुक्रवार को मीडिया को सरकारी डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुल 877 पदों में सामान्य वर्ग के 364 और आरक्षित वर्गो के 513 पदों पर भर्ती होनी है। आरक्षित वर्गो में सर्वाधिक 295 पद अनुसूचित जाति के हैं। 57 अनुसूचित जनजाति और 161 अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं।
सरकार के आदेश पर राज्य लोक सेवा आयोग ने ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि 25 अगस्त तय की है। उन्होंने बताया कि परीक्षा शुल्क ई-चालान या नेट बैंकिंग या डेबिट कार्ड से जमा करने की अंतिम तिथि 29 अगस्त रखी गई है। उधर, सरकार की ओर से बीते माह के पहले पखवाड़े में डिग्री शिक्षकों की नियुक्ति के लिए ऊपरी आयु सीमा का प्रतिबंध खत्म करने का आदेश मौजूदा भर्ती प्रक्रिया में बेमायने बनकर रह गया है। इस आदेश में सरकारी डिग्री शिक्षकों के लिए भी ऊपरी आयु सीमा के प्रतिबंध को हटाया गया है।
हालांकि, राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से जारी भर्ती प्रक्रिया में ऊपरी आयु सीमा 42 वर्ष रखी गई है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक शासन ने आदेश तो जारी किया, लेकिन इससे पहले उच्च शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन की दरकार है। इस वजह से संशय की स्थिति बनी हुई है।