उधमसिंह नगर : यूको बैंक के लॉकर से लाखों के आभूषण चोरी के मामले में एक आरोपित ने जहां जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की वहीं दूसरे ने बड़े चालाकी से पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जहर खाने वाले कर्मी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामला ऊधम सिंह नगर के जसपुर का है।
बैंक ने जेवरात की एवज में 14.79 लाख रूपये का दिया था लोन
15 सितंबर को यूको बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक विवेक अरूण ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि शाखा में बारह गोल्ड लोन के खाते चल रहे थे। लोन की एवज में लॉकर में रखवाए गए गहनों की कीमत 21,28,600 रूपये थी। खातेदारों को बैंक ने जेवरात की एवज में 14.79 लाख रूपये का लोन दिया था। 11 सितंबर को एक खाताधारक लोन चुकता कर अपने गहने लेने के लिए शाखा पहुंचा था। गहनों को वापस करने के लिए जब तिजोरी खोली गई तो सभी गहने गायब मिले।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दुष्यंत कुमार को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया
सूचना पर अंचल कार्यालय के प्रबंधक अमित सिन्हा व नवदीप सिंह ने बैंक शाखा पहुंचकर मामले की जांच की। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर प्रथमदृष्टया चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दुष्यंत कुमार को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया गया। जांच में पुष्टि हो गई कि दुष्यंत ने ही इस घटना को अंजाम दिया है।
यूके बैंक के सफाई कर्मचारी संजीव कुमार (36) ने जहर गटक लिया
अब बैंक स्तर पर मामले की जाच जोनल प्रबंधक रंजीत सिंह कर रहे हैं। उन्होंने बैंक शाखा का समस्त स्टाफ भी स्थानांतरित कर दिया है। इधर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपित दुष्यंत फरार चल रहा था। घटना की जाच कर रहे एसआई देवेंद्र राजपूत ने बताया कि आरोपित दुष्यंत कुमार ने पुलिस को चकमा दे कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दुष्यंत के आत्मसमर्पण की खबर सुनते ही यूके बैंक के सफाई कर्मचारी संजीव कुमार (36) ने जहर गटक लिया। इससे बैंक परिसर में हड़कंप मच गया।
एसआई देवेंद्र राजपूत ने टीम के साथ पहुंचकर दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाला। शाखा प्रबंधक विनीत रंजन ने उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से हालत में सुधार न होने पर उसे हायर सेंटर रेफर किया गया है। एसआई देवेंद्र राजपूत ने बताया कि सफाई कर्मी का लॉकर से जेवर गायब होने के मामले में क्या संबंध है, इसकी भी जांच की जाएगी।