देहरादून- उत्तराखंड में विकास कम घोटाले ज्यादा हुए हैं। अंतरिम सरकरा से लेकर अब तक सिर्फ घोटालों की चर्चा ही उत्तराखंड में हुई है। गजब की बात तो ये है कि हर सरकार ने पहली सरकार को ज्यदा घपलेबाज बताया और जनता के मन को भ्रमित कर वोट वसूलकर सत्ता कब्जाई।
हालांकि सरकार बनने के बाद कभी भी उन घोटालों पर चर्चा नहीं हुई। अंतरिम सरकार के दामन पर डेकोरेशन से लेकर कई नियुक्तियों को लेकर सवाल उठे थे। उसके बाद पहली निर्वाचित सरकार से लेकेर पिछली हरीश रावत सरकार तक पर घपले-घोटालों के आरोप लगे हैं। सिलसिला अब तक जारी है।
छात्र राजनीति से उभरकर भाजपा के बड़े मंच पर पहुंचे युवा नेता और राज्य आदोंलनकारी रहे रविंद्र जुगरान ने राज्य मे हुए छात्रवृत्ति घोटाले को उठाया हैं। देहरादून में पीसी करते हुए जुगरान ने राज्य की पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार के राज में तीन सौ करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले का बड़ा आरोप लगाया है। जुगरान ने कहा कि उनके राज में निजी शिक्षण संस्थानों ने दलित,शोषित तबके के छात्रों का वजीफा डाकारा है।
पत्रकार वार्ता करते हुए भाजपा नेता जुगरान ने कहा कि वे इस घोटाले से जुडे कई दस्तावेजों को सीएम त्रिवेंद्र रावत के सामने रखकर उनसे इस मामले में सीबीआई जांच करवाने की गुजारिश करेंगे।