ब्यूरो- उत्तराखंड के लोकगायक नरेद्र सिंह नेगी के नौछमी नारैण की पंक्ति ‘लाल बत्तियों का डोला रे नौछमी नारैण’ का मतलब कोई समझा हो या न समझा हो। पीएम मोदी को तकरीबन 10 साल बाद समझ में आ गया है।
लिहाजा मोदी कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत अब कोई भी वाहन सड़क पर रसूखदार होने की हनक नहीं दिखा सकता। आने वाली एक मई से आपको बड़ी से बड़ी शख्सियत के वाहन बिना लाल बत्ती के दिखाई देंगे।
भूतल परिवहन मंत्री नितिन गड़करी की माने तो मोदी सरकार ने ये एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। इससे देश में दिखावे वाली वीआईपी कल्चर की हनक खत्म हो जाएगी। गडकरी ने आज से ही अपने वाहन से लाल बत्ती की चमक को गुल करते हुए हटा दिया है।
फैसले के तहत अब कोई भी शख्स चाहे वह राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या फिर प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट का सदस्य ही क्यों न हो अपने वाहन पर लाल बत्ती नहीं लगा पाएगा। कानून एक मई से पूरे देश में लागू हो जाएगा।
यानि जब दुनिया भर में एक मई को सारी दुनिया के मजदूर “मजदूर दिवस” मना रहे होंगे भारत के सभी खास शख्सियतें सड़क पर आम आदमी की तरह बिना लाल बत्ती के चौराहों पर लाल बत्ती का मतलब समझ रहे होंगे।