देहरादून- आज 16 जून है वही मनहूस दिन जब केदारनाथ धाम में विनाशकारी जलप्रलय आया था, हजारों भक्त बे वक्त काल कलवित हो गये, हजारों भक्त की लाश या कंकाल उनके परिजनों को अभी तक नही मिले है…वो इसी उम्मीद में इंतज़ार कर रहे है कि कही केदार बाबा का चमत्कार हो जाये..
ये वहीं त्रासदी वाला दिन है जब मन में आस्था लिए भक्त बाबा केदार के दर्शन के लिए आए थे लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि वह दिन उनके लिए आखिरी दिन होगा. कई पूरे के पूरे परिवार इस त्रासदी में खत्म हो गये…इस दौरान खून लूट पाट भी हुई….गहने किसी अंग से न निकले तो उस अंग को ही काट दिया गया. ऐसी भयानक तस्वीरें थी आज भी याद करके दिल सहम जाता है. उस दिन को याद कर दिल भारी हो उठता. सब दिल से यही प्रार्थना करते हैं कि फिर वो दिन कभी न आए.
आपदा में गई 5000 से भी अधिक लोगों की जानें
इस दिन 5000 से भी अधिक लोगों की जानें गई. कइयों की लाशें मिली औऱ कइयों का तो अभी तक कुछ पता नहीं है.हर बारिश के बाद केदारघाटी में नर कंकालों के मिलने का सिलसिला जारी था. अब तो कंकाल भी नसीब न हो सकेगा. घरवालों को अपने रिश्तेदारों की लाश तक नहीं मिली.
जलप्रलय के 4 साल
5000 लोग आपदा में मरे या फिर लापता हो गए
645 नरकंकाल केदारनाथ घाटी में अब तक मिले
2000 से ज्यादा मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए
90000 लोगों को सेना ने मौके से निकाला था
आपदा का मातम विदेशी मीडिया में भी पसरा था
उत्तराखंड में आई आपदा का मातम सोशल मीडिया या भारतीय अखबारों में ही नहीं विदेशी मीडिया में भी पसरा था। अमेरिका का प्रमुख अखबार ‘द वाल स्ट्रीट जरनल’ केदारनाथ में आई आपदा पर बराबर नजर रखी। इस अखबार ने पीड़ितों को मदद देने के लिए भारतीय सेना और आईटीबीपी की पीठ भी ठोकी। इसके अलावा अमेरिका के दूसरे प्रमुख अखबार ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने भी उत्तराखंड की पीड़ा को दुनिया की बड़ी आपदाओं में बताया था। इंग्लैंड के अखबार ‘द गार्जियन’ भी उत्तराखंड की आपदा को लेकर संजीदा दिखा। इस अखबार ने भी उत्तराखंड सरकार की सुस्ती के साथ ही सेना और अर्द्धसैनिक बलों के आपरेशन की तारीफ की। पड़ोसी देश पाकिस्तान और भूटान आपदा को लगातार कवरेज दी।
उन सभी मृत आत्माओं को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि, बाबा केदार उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें.