खटीमा: उत्तराखंड सरकार ने 10 साल तक पुराने काॅमर्शियल वाहनों पर रोक के फैसले से परेशान ट्रांसपोर्टर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके बेटे के अनुसार उनके पिता सरकार के उस फैसले की चर्चा से परेशान थे, जिसमें कहा गया है कि 10 साल पुराने काॅमर्शियल वाहनों को चलन से बाहर कर दिया जाएगा।
उनके बेटे का कहना है कि दस वर्ष पुराने ट्रकों के न चलने की चर्चाओं के बाद से उसके पिता डिप्रेशन में थे। उनके पास तीन कैंटर हैं और तीनों ही दस साल पुराने हैं। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। सुबह घर से सैर पर निकले थे। वापस नहीं लौटने के बाद पता किया, तो उनका शव उनका ट्रांसपोर्ट के दफ्तर में फंदे से लटका मिला।
पुलिस के अनुसार पंजाबी मोहल्ला निवासी 70 साल के दर्शन लाल सलूजा रविवार की सुबह अपने ट्रांसपोर्ट के दफ्तर में फांसी पर लटककर जान दे दी। अस्पताल में उनके बेटे अंकुर ने बताया कि ट्रांसपोर्ट में खुद के तीन ट्रक और कई अन्य ट्रक अटैच हैं। जिससे वो खासे परेशान थे। उनको अपने धंधे के पूरी तरह चैपट होने का डर सता रहा था।