हरिद्वार में कोविड अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने हरिद्वार सीएमओ और अस्पताल के नोडल अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हरिद्वार में कोविड मरीजों का इलाज कर रहे मेला अस्पताल में बद इंतजामो से परेशान नर्सों ने सीएमओ और नोडल अधिकारी पर दुर्व्यवहार करने के भी आरोप लगाए।
कोरोना मरीजों के लिए चाय पानी तक का इंतजाम नहीं -नर्स
मेला अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि ना तो कोरोना पोजोटिव नर्सिंग स्टाफ के लिए अलग से क्वारन्टीन की व्यवस्था है और ना ही मरीजों के लिए इंतेजाम किये गए हैं। नर्स का आरोप है कि अस्पताल में भर्ती 53 कोरोना मरीजों के लिए चाय पानी तक का इंतजाम नहीं है और केवल एक वार्ड बॉय उनकी ड्यूटी में लगा हुआ है। इस बारे मे अधिकारियों को बताए जाने पर दुर्व्यवहार करते हैं। उनका आरोप है कि सीएमओ को कई बार इस बारे में अवगत कराया जा चुका है मगर वो केवल फ़ोटो खिंचवाने के लिए तो आती हैं, मगर उनकी मांगों पर कभी ध्यान तक नहीं दिया। हरिद्वार डीएम ने भी इस मामले में जांच करने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया है।
नर्सिंग स्टाफ ने विभाग के अधिकारियों और सीएमओ के खिलाफ मोर्चा खोला
कोरोना के संदिग्धों के लिए कोरेन्टीन केंद्रों पर बद इंतजामों की खबरें तो आती रहती हैं मगर हरिद्वार के सबसे बड़े कोविड अस्पताल मेला अस्पताल में तो बद इंतजामों का बुरा हाल है। बद इंतजामों से परेशान मेला अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने विभाग के अधिकारियों और सीएमओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
कोरोना पॉजिटिव चिकित्सकीय स्टाफ को अलग से क्वारंटीन करने की मांग
मेला अस्पताल की नर्स ने आरोप लगाया कि चिकित्सकीय स्टाफ के भी कोरोना पॉजिटिव आने पर उन्हें भी अन्य कोरोना मरीजों के साथ भर्ती किया जा रहा है जबकि वह कई बार मांग कर चुके है कि कोरोना पॉजिटिव चिकित्सकीय स्टाफ को अलग से क्वारंटीन किया जाए। इस बारे में जब भी वह नोडल अधिकारी से बात करते है तो वह उल्टा उनके साथ ही बदतमीजी पर उतर आती है। यही नही अस्पताल में भर्ती 53 मरीजों के लिए केवल एक ही वार्ड बॉय है। मरीज दिन भर पानी मांगते रहते है मगर उन्हें पानी तक नही मिल पाता है।जबकि नोडल अधिकारी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी दिन भर चाय कॉफी पीते रहते है और स्टाफ के लिए चाय तक उपलब्ध नही है।
सीएमओ सिर्फ फोटो खिंचवाने आती हैं- नर्स
स्टाफ नर्स ने आरोप लगाया कि इस बारे में जब उन्होंने सीएमओ को बताया तो उन्होंने भी कभी उनकी मांगों पर ध्यान नही दिया। उंन्होने कहा कि जब मरीज कम थे तो सीएमओ रोज फ़ोटो खिंचवाने तो आ जाती थीं मगर अब जब मरीज बढ़ गई तो सीएमओ मैडम का इस और कोई ध्यान ही नहीं है।