एनआरआई दूल्हे की चाहत रखने वाली लड़कियां हो या अपनी बेटी को विदेशी दूल्हे से शादी करने के सपने संजोने वाले माता-पिता, सभी को सचेत और सतर्क होने की जरूरत है। एनआरआई की हमसफर बन विदेश पहुंची युवतियों के परेशानी की दास्तान सामने आयी है। विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर आठ घंटे में एक बेटी अपने पैरेंट्स से मदद के लिए फोन करती है। ये महिलाएं विदेशों में पति द्वारा छोड़ने, बुरे बर्ताव और शारीरिक प्रताड़ना जैसी घटनाओं का शिकार होती हैं।
मदद के लिए करती हैं फोन
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एनआरआई से शादी कर चुकी महिलाएं औसतन हर आठ घंटे में अपने घर मदद के लिए फोन करती हैं। खबर के अनुसार, एनआरआई युवकों से शादी करने वाली महिलाएं अपने साथ होने वाले बुरे बर्ताव, शोषण और पति द्वारा उन्हें छोड़ देने की वजह से अपने घर मदद के लिए फोन करती हैं।
विदेश मंत्रालय पहुंचे 3 हजार से अधिक मामले
विदेश मंत्रालय को 1 जनवरी 2015 से 30 नवंबर 2017 के बीच 1064 दिनों में मिली शिकायतों के अनुसार, विदेश मंत्रालय में इस तरह की 3,328 शिकायतें दर्ज की गईं थीं। यानी रोजाना औसतन तीन कॉल किए गए थे। इस लिहाज से देखा जाए, तो हर आठ घंटे में कोई महिला मदद के लिए अपने घर में फोन करती है।
आंध्र और गुजरात की हैं अधिकांश महिलाएं
विदेशों में भारतीय मिशन में काम करने वाले वकीलों, कार्यकर्ताओं और लोगों के अनुसार, शिकायत दर्ज करवाने वाली अधिकतर महिलाएं पंजाब, आंध्र प्रदेश-तेलंगाना और गुजरात से हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक को-ऑपरेशन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट ने भी कुछ साल पहले इस मामले में एक अध्ययन किया था। उसने भी अपने अध्ययन में इन महिलाओं की परेशानियों की पुष्टि की थी।
वाशिंगटन डीसी में 16 साल तक भारतीय दूतावास में काम करने वाली आरती राव ने छह साल कम्युनिटी डेवलपमेंट ऑफिसर के तौर पर ऐसे मामलों को देखते हुए बिताए। उन्होंने कहा कि शिकायत करने वाली आंध्र प्रदेश-तेलंगाना की महिलाएं ज्यादा थीं, जहां दहेज व्यवस्था अभी भी मजबूत है। लड़के भारत में अपने माता-पिता को खुश करने के लिए आए और यहां आकर किसी महिला से शादी कर ली, लेकिन उनके विदेश लौटने के बाद उन महिलाओं के साथ रहने का उनका कोई इरादा नहीं था।
शिकार होती हैं ये महिलाएं
ऐसी महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें या तो शादी के बाद छोड़ दिया जाता है। उनका पासपोर्ट पति या ससुरालीजन अपने कब्जे में रख लेते हैं। महिलाओं का उत्पीड़न किया जाता है, दहेज की मांग की जाती है।
समाधान के लिए विदेश मंत्रालय ने शुरू किया पोर्टल
विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे के समाधान के लिए ऐसी शिकायतों के हल के लिए MADAD पोर्टल शुरू किया है। इसके अलावा, सभी मिशनों में मिलने वाली शिकातयों के बाद महिला को आर्थिक और कानूनी रूप से सहायता दी जाती है। हालांकि, इसके बावजूद सभी शिकायतें मंत्रालय तक नहीं पहुंच पाती हैं।