देहरादून-राजमार्गों से शराब की दुकानो को 500 मीटर भीतर धकलने के सुप्रीम कोर्ट के फरमान ने राज्य सरकार का चैन छीन लिया है।
आलम ये है कि उत्तराखंड में शराब बिक्री का सवाल लगातार पेंचीदा होता जा रहा है। शराब की खिलाफत जारी है जबकि राजस्व के लिए शराब बेचना भी सरकार की मजबूरी बन गई है।
शराब को लेकर पसोपेश में फंसी सूबे की भाजपा सरकार ने शराब बिक्री के लिए नई नीति बनाई। जो एक जून से लागू हो जाएगी। लेकिन विपक्ष ने सरकार की नई शराब नीति पर निशाना साधा है।
पहले नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सरकार की नई शराब नीति को कटघरे में खड़ा किया था अब सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निशाना साधा है। हरीश रावत ने कहा कि मौजूदा सरकार जिस नई शराब नीति का राग अलाप रही है उससे राज्य में शराब की तस्करी को बढ़ावा मिलेगा।
रावत ने कहा कि नीति बदलने से कुछ नहीं होता। पूर्व मुख्यमंत्री ने नई शराब नीति के लागू होने के बाद तस्करी की आशंका जताते हुए कहा कि अब राज्य में चड़ीगढ़ और हरियाणा की शराब तस्करी के जरिए बिकेगी।