देहरादून: राज्य में बिजली चोरों की अब खैर नहीं है। शासन ने ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक को इस मामले में सख्त हिदायत दी है। गढ़वाल और कुमाऊं के चारों परिक्षेत्रों में हर महीने बिजली चोरी के लिए 300 एफआइआर दर्ज की जाएंगी। चारों परिक्षेत्रों में अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी को तैनात करने और ऊर्जा निगम के सतर्कता सेल में लंबी अवधि से तैनात कार्मिकों को हटाकर नए कार्मिकों की तैनाती के निर्देश ऊर्जा सचिव राधिका झा ने दिए हैं।
सचिवालय में ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बिजली हानि और चोरी के प्रकरणों पर अंकुश लगाने को ऊर्जा महकमे और ऊर्जा निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में तय किया गया कि बिजली हानि और चोरी के प्रकरणों के लिए ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक रोस्टर तैयार करेंगे। इसमें गढ़वाल और कुमाऊं के चारों परिक्षेत्रों में प्रत्येक माह में 500 जांच करने का लक्ष्य तय किया गया। ऊर्जा सचिव ने मिशन मोड में एटीएंडसी लॉस कम करते हुए निगम के राजस्व में सौ फीसद वृद्धि पर जोर दिया।
सतर्कता सेल के कार्यों का ब्योरा तलब
शासन ने प्रबंध निदेशक से बीते वर्ष 2016-17 में सतर्कता सेल की ओर से प्रत्येक माह किए गए कार्यों की प्रगति की रिपोर्ट तलब की। साथ में चालू वर्ष 2017-18 के लिए तय लक्ष्यों की पूर्ति के लिए सतर्कता सेल को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तरप्रदेश में निगम के सतर्कता सेल के मौजूदा स्वरूप और बिजली हानि व चोरी रोकने के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया का परीक्षण कर शासन को प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा गया है। सचिव ने प्रबंध निदेशक को सतर्कता में लंबी अवधि से तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को स्थानांतरित कर उनके स्थान पर नए अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती करने और इस संबंध में शासन को रिपोर्ट देने को कहा गया है।
वादों पर रिपोर्ट देंगे एमडी
बिजली चोरी व हानि को लेकर न्यायालयों में विचाराधीन वादों की समीक्षा प्रबंध निदेशक अपने स्तर पर करेंगे और इसके बाद वास्तविक रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएंगे। बैठक में निगम के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा, निगम के निदेशक ऑपरेशन अतुल कुमार अग्रवाल, निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी, संयुक्त सचिव लक्ष्मण सिंह, सतर्कता सेल में तैनात अधिकारी मौजूद थे।