नैनीताल- राज्य सरकार ने लिंगानुपात में कमी लाने, समाज की धारणा में बदलाव, महिला साक्षरता में वृद्धि, बाल विवाह जैसी कुप्रथा को खत्म करने, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से संचालित योजनाओं को अब एकीकृत कर दिया है। इस योजना का लाभ परिवार की दो बेटियों को दिया जाएगा। नंदा गौरा योजना के अंतर्गत बेटियों को जन्म से पढ़ाई तथा शादी तक 51 हजार की मदद सरकार द्वारा दी जाएगी। बाल विकास विभाग संचालित इस योजना के जिले में फार्म वितरण शुरू हो गए हैं। राज्य में पहले बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग से नंदा देवी योजना, गौरा देवी कन्या धन योजना का संचालन किया जाता रहा है।
भाजपा सरकार ने बेटियों से संबंधित तमाम योजनाओं को मर्ज करने का फैसला लिया। कैबिनेट से पारित इस प्रस्ताव को राज्यपाल की मंजूरी के बाद अब क्रियान्वयन करना शुरू कर दिया गया है। योजना के अंतर्गत बेटियों को पढ़ाई से शादी तक सरकार की ओर से मदद दी जाएगी।
योजना का लाभ लेने के लिए यह होंगे मानक
नंदा गौरा योजना में आवेदन करने के लिए शहरी क्षेत्र के आवेदक की आय सालाना 42 हजार व ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक की 36 हजार से कम होनी चाहिए। उस बेटी को योजना का लाभ मिलेगा, जिसका जन्म सरकारी अस्पताल, मातृ-शिशु केंद्र, एएनएम प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा होने का प्रमाण पत्र होगा। राज्य का स्थायी निवासी होने तथा बीडीओ या ग्राम्य विकास अधिकारी द्वारा जारी परिवार रजिस्टर की नकल संलग्न करना भी योजना की शर्त है।
शिशु कन्या के जन्म से पहले माता का गर्भावस्था के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण होना चाहिए। जिन बालिकाओं की आठवीं से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली हो, उन्हें मुख्य शिक्षा अधिकारी की संस्तुति के साथ आवेदन पत्र विभाग को अग्रसारित कर भेजे जाएंगे।
सात किस्तों में दी जाएगी धनराशि
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट के मुताबिक बालिका के जन्म के समय पांच हजार, एक साल की आयु पूर्ण होने पर पांच हजार, कक्षा-आठ उत्तीर्ण करने पर पांच हजार, कक्षा-दस उत्तीर्ण करने पर पांच हजार, कक्षा-12 उत्तीर्ण करने पर पांच हजार, डिप्लोमा या स्नातक उत्तीर्ण करने पर दस हजार तथा विवाह के समय 16 हजार कुल 51 हजार दिए जाएंगे।