यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती अब सांसद नहीं रही। राज्यसभा से उनका इस्तीफा मंजूर हो गया है। हालांकि उनका तीन पेज वाला इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ। राज्यसभा से इस्तीफा देने की ठान चुकी मायवती को इसके लिए दोबारा उपराष्ट्रपति हामिंद अंसारी से मिलना पड़ा। वहां पर बसपा सुप्रीमों ने सिर्फ एक लाइन का हस्तलिखित इस्तीफा उनको सौंपा जिसे स्वीकार कर लिया गया।
गौरतलब है कि मंगलवार को राज्यसभा में बोलने का मौका नहीं दिए जाने से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस्तीफा दे दिया था। इस मुद्दे पर सदन में काफी हंगामा मचा। उसके बाद बुधवार को राज्यसभा के सभापति पीजे कुरियन ने मायावती से अपना इस्तीफा वापस लेने की अपील की थी। लेकिन मयावती को तो इस्तीफा देना था सो नफा- नुकसान का आंकलन कर आखिरकार माया ने राज्यसभा से इस्तीफा दे ही दिया।
दरअसल मायावती इस बात से नाराज थीं कि शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दलितों पर हुए अत्याचारों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश करने के बाद उन्हें बोलने के लिए सिर्फ तीन मिनट का समय दिया गया था।