देहरादून: पुलिस और परिवहन ने प्रदेश में डिजिटल लॉकर योजना को लागू कर दिया है। अब मालिक और चालक अपने गाड़ी के सभी कागजात डीजी लॉकर में रखकर दिखा सकते हैं। इसके लिए स्मार्ट फोन और एम-परिवहन एप जरूरी है। इस योजना से गाड़ी के असली कागजात रखने और दिखाने का झंझट खत्म हो जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रलय ने पीएम मोदी की डिजिटल इंडिया योजना को देशभर में लागू किया
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रलय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया योजना को देशभर में लागू कर दिया है। इस संबंध में मंत्रलय ने राज्य सरकार को भी डीजी लॉकर (डिजिटल लॉकर) को लागू करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राज्य के परिवहन और पुलिस विभाग ने योजना को लागू करने की कवायद शुरू कर दी है। इसी माह से इस योजना का लाभ प्रदेशभर के वाहन चालक और मालिकों को मिलने लगेगा। फिलहाल इसका फायदा केवल ई-चालान वाले जिलों में ही मिल सकेगा। योजना के तहत एम-परिवहन एप में यदि गाड़ी की आरसी, डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) और इंश्योरेंस प्रमाणपत्र रखा गया है तो उसे पुलिस और आरटीओ के मांगने पर दिखा सकते हैं। इसके लिए अलग से कोई भी कागज नहीं रखना होगा। हालांकि इस योजना का लाभ सिर्फ स्मार्ट फोन रखने वालों को ही मिल पाएगा।
सबसे बड़ा फायदा
आधार कार्ड से लिंक और आपके सभी दस्तावेज ऑनलाइन होने से इस लॉकर के जरिये धोखाधड़ी नहीं हो सकती है। इस एप के जरिये आपके शैक्षिक दस्तावेज भी ऑनलाइन हो जाएंगे। इसके अलावा आरटीओ में मौजूद दस्तावेज भी ऑनलाइन रहेंगे।
कैसे बनाएं डीजी लॉकर
अगर आप भी लॉकर खोलना चाहते हैं तो यह बहुत आसान है, बस आपको http://digitallocker.gov.in लॉगइन करना होगा, उसके बाद आपको आईडी बनानी होगी। आइडी में आधार कार्ड नंबर फीड कर दें। उसके बाद आपसे जुड़े कुछ सवाल पूछे जायेंगे और आपका एकाउंट बन जाएगा। इस एकाउंट में अपने सारे निजी दस्तावेज अपलोड कर दीजिए। दस्तावेज हमेशा के लिए उसमें लोड हो जाएंगे। अपने लॉगइन और पासवर्ड से इसे आप कभी भी खोल सकेंगे।एप डाउनलोड होने के बाद इसे ऑफलाइन भी खोला जा सकता है। इसमें फर्जी दस्तावेज आसानी से पकड़ में आ जाएंगे। इसके लिए सभी दस्तावेज ऑनलाइन किए जा रहे हैं।
निदेशक आइटीडीएडीजी अमित सिन्हा का कहना है कि लॉकर को लेकर सभी जनपदों को आदेश कर दिए हैं। ई-चालान शुरू होने के बाद यह सौ फीसद लागू हो जाएगा। हालांकि ऑफ लाइन चालान को लेकर मंत्रलय से गाइड लाइन मांगी गई है।