रूड़की। नोटबंदी के बाद से जहां बड़े व्यापारी मंदी की मार झेल रहे हैं तो वही, फुटकर व्यापारियों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। नोटबंदी के फैसले के बाद से बाज़ारों में रौनक गुम है। रुड़की के बाज़ारों का भी कुछ ऐसा ही हाल है। बाज़ारों में खरीदारी केवल 20 प्रतिशत ही रह गई है और लोग ज़रुरत भर का ही सामान खरीद पा रहे है, वो इसलिए क्योंकि ज्यादातर समय बैंकों के बाहर नोट एक्सचेंज कराने में गुज़र जाता है और बैंकों से भी लोगों को केवल दो हज़ार की ही रकम मिल पा रही है। लोगों का ये मानना है कि नोटबंदी से महंगाई कम होने की बजाए और बढ़ेगी।