देहरादून : कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। प्रतिभा निखर कर बाहर आ ही जाती है। अगर किसी में टैलेंट है और मेहनत को जज्बा है, तो सफलता मिलना तय है। ऐसा कर दिखाया कालाढंगी रोड पर बसे बजून की कंचन के पिता दसवीं पास नहीं कर पाए। मां आठवीं पास है और बेटी ने सीबीएसई में टाॅपरों की सूची में जगह बनाई। कंचन की कामयाबी से उसके परिवार में तो खुशी है ही, पूरा गांव भी उसके टाॅप करने पर मिठाई बांट रहा है।
नैनीताल में बेचते हैं दूध
कंचन के पिता कुबेर सिंह कनवाल बच्चों की पढ़ाई को लेकर खासे संजीदा और संवेदनशील हैं। बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर ना रह जाए, उसके लिए वो पिछले करीब 10 सालों से अपने गांव से नैनीताल जाकर दूध बेचते हैं। दूध से कमाई सारी बच्चों की पढ़ाई पर ही खर्च हो जाती है। इसलिए कनवाल खेती में भी जीतोड़ मेहनत करते हैं।
आईएएस बनान है सपना
कंचन ने बगैर ट्यूशन के ही 98.4 प्रतिशक नंबर हासिल किए हैं। कंचन ने अपने लिए खुद ही चैलेंज और तारगेट सेट किए थे। 10वीं में 90 प्रतिशत अंक हासिल करने के बाद तय कर लिया था कि 12वीं में उससे ज्यादा नंबर लाएगी। कंचन ने साबित भी कर दिया। इस मुकाम को हासिल करने के लिए कंचन रोजाना पांच घंटे पढ़ाई करती थी।