टिहरी,(धनोल्टी)- टिहरी जिले में धनोल्टी की वादियां ऐसी हैं जो हर मौसम में सैलानियों को अपनी ओर रिझाती हैं। टिहरी जिले में सैर की ख्वाहिश लिए आने वाले हर पर्यटक को पर्यटन केंद्र धनोल्टी की खूबसूरती के बारे मे बताते हैं। लिहाजा सैलानी भी धनोल्टी की ओर चले जाते हैं।
धनोल्टी पहुंचकर सैलानियों को अहसास होता है कि धनोल्टी के बारे मे जैसा उन्हें बताया गया था यहां की वादियां उससे भी हसीन हैं। धनोल्टी में कुदरत की नेमतों का दीदार कर खुश सैलानी जब धनोल्टी के बाजार की ओर रुख करते हैं तो निराश हो जाते हैं।
दरअसल जब उन्हें पता चलता है कि जिस दौर में पीएम मोदी देश में कैशलेश की वकालत कर रहे हैं उस वक्त भी लाखों सैलानियों कोअपनी ओर खींचने वाली हसीन धनोल्टी में कोई ऑटोमैटिक ट्रैलर मशीन (ATM) नहीं है। लिहाजा पर्यटकों को धनोल्टी बाजार में खरीददारी करने के लिए मजबूरी मे अपनी मुट्ठियां भींचनी पड़ जाती हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब सूबे के खूबसूरत हिल स्टेशनों में पिछले सत्रह सालों में किसी भी सरकार के दौर में ATM जैसे मामूली इंतजामात नहीं हो पाए तो उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश बनाने की हसरत ऐसे में कैसे पूरी हो सकती है।