उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों को नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। उत्तराखंड सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। हाइकोर्ट पहले ही इस संबंध में आदेश दे चुका है। सरकार से जुड़े तमाम विभागों को इस संबंध में आदेश की कॉपी दे दी गई है। अब विभागों को अपनी नियमावली को संशोधित करना होगा।
गौरतलब है कि सात मार्च 2018 को हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य आंदोलनकारियों को नौकरियों में मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था खत्म करने का आदेश दिया था। इसके बाद अब राज्य सरकार ने इस संबंध में विभागों को निर्देश जारी कर दिया है। अब ये व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।
2004 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था की थी। 2013 में हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी थी। हालांकि 2016 में कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में एक विधेयक लाकर फिर से आरक्षण की व्यवस्था करनी चाही थी लेकिन राजभवन से उसे ंमंजूरी नहीं मिली थी।