देहरादून। उत्तराखंड को मोदी सरकार के बजट ने एक बार फिर मायूस किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उत्तराखंड को ग्रीन बोनस दिए जाने की मांग को खारिज कर दिया है। अपने बजट में निर्मला सीतारमण ने उत्तराखंड कोग्रीन बोनस दिए जाने या हिमालयी राज्यों के लिए अलग से कोई वित्तीय प्रावधान किए जाने का जिक्र नहीं किया। इससे उत्तराखंड समेत सभी हिमालयी राज्यों को मायूसी हाथ लगी है। हालांकि उत्तराखंड के लोग और खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ग्रीन बोनस को लेकर खासे आशान्वित थे। बजट आने के एक दिन पहले तक मुख्यमंत्री ग्रीन बोनस मिलने को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे थे। सीएम ने कहा था कि, पर्यावरणीय सेवाओं के बदले उत्तराखंउ को ग्रीन बोनस मिलने की बात का नीति आयोग ने भी समर्थन किया है और इस बारे में सैद्धांतिक सहमति भी बन गई है।
उत्तराखंड लंबे समय से ग्रीन बोनस की मांग करता रहा है। तीन चौथाई से अधिक वन क्षेत्र वाले उत्तराखंड में कई विकास योजनाएं वन क्षेत्र में होने की वजह से या तो धीमी गति से आगे बढ़ती हैं या फिर रद्द हो जाती हैं। ऐसे में उत्तराखंड ग्रीन बोनस की मांग करता है। उत्तराखंड के वन क्षेत्र पूरे देश के लिए ऑक्सीजन टैंक की तरह हैं जो पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मददगार है। ग्रीन बोनस की मांग को लेकर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने व्यक्तिगत तौर पर भी प्रयास किए थे।