एक नज़र हरिद्वार की लोकसभा सीट पर, धर्मनगरी हरिद्वार हिन्दू धार्मिक स्थान होने के कारण बीजेपी की सुरक्षित सीट मानी जाती है. वैसे भी हरिद्वार की लोकसभा सीट कई मायनों में भारतीय जनता पार्टी के बहुत अहम है क्योंकि यहां पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं कांग्रेस से अमरीश कुमार प्रत्याशी हैं. कुल मिलाकर इस लोकसभा सीट में मुकाबला त्रिकोणीय होता नज़र आ रहा है. क्यूंकि बसपा के अंतरिक्ष सैनी भी अपने वोट बैंक के सहारे कमतर नहीं हैं ये तो था इस सीट का समीकरण. आइये आप को इसी लोकसभा सीट से लगती हुई एक बड़ी खबर बताते हैं.
सांसद निशंक के सांसद प्रतिनिधि रहे चुके हैं धर्मेंद्र चौहान
हाल ही में हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी का कार्यालय का उद्घाटन हुआ जिसमे सांसद निशंक के सांसद प्रतिनिधि रहे चुके धर्मेंद्र चौहान भी बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. धर्मेंद्र चौहान बीजेपी चुनाव कार्यालय में हवन में शामिल होते हुए नज़र आये. बड़ा सवाल ये है कि क्या कारण था उनका वहां मौजूद होने का और किसकी कठपुतली बनकर वे चुनाव मैदान में हैं.
निर्दलीय प्रत्याशी मोदी और निशंक के सहारे अपनी नैया पार लगाएंगे
क्या कभी आपने देखा है की चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किसी का और हवन कर रहा दूसरा प्रत्याशी. जी हाँ निर्दलीय चुनाव लड़ धर्मेद्र चौहान बीजेपी के चुनाव कार्यालय में हवन में मौजूद रहे. वहीं जब उनसे हमारे संवाददाता ने पूछा की किसका चुनाव कार्यालय का उट्घाटन है तो उन्होंने क्या जवाब दिया कि नरेंद्र मोदी भले ही देश से बीजेपी के लिए मतदान करने के लिए प्रचार प्रसार कर रहें हैं वहीं निर्दलीय प्रत्याशी मोदी और निशंक के सहारे अपनी नैया पार लगाने लगे हैं.
मिलकर नरेंद्र मोदी का प्रचार कर अपने लिए भी वोट मांग सकते हैं- निर्दलीय
निर्दलीय प्रत्याशी का कहना है कि कोई भी किसी के चुनाव कार्यालय में जा सकते हैं और उनके साथ ही लोगो से मिलकर नरेंद्र मोदी का प्रचार कर अपने लिए भी वोट मांग सकते हैं और चुनाव आयोग को भी इससे कोई आपत्ति नहीं है. निर्दलीय़ प्रत्याशी धर्मैंद्र का कहना है कि प्रचार नरेंद्र मोदी का करेंगे और वोट निशंक के लिए मांगेगे और फिर अपने लिए भी वोट मांगेगे. कौन हैं ये महाशय ये हैं निशंक के प्रतिनिधि और अब उनकी कठपुतली जो वोट के होसपोश में फंस गए हैं.
मैं निशंक का डमी कैंडिडेट नहीं हूँ. में फ्रेश हूँ- निर्दलीय प्रत्याशी
धर्मेंद्र चौहान ने कहा की जब में अपने कार्यालय का उद्घाटन करूँगा आप सबको बुलाऊंगा और मैं निशंक का डमी कैंडिडेट नहीं हूँ. में फ्रेश हूँ और अगर में कैंडिडेट नहीं होता तब भी निशंक जी के लिए वोट मांगता अब जनता के बीच जाकर अपने बात रखेंगे ! इतने पर भी चौहान साहब ये कह रहे हैं की हम उनकी क्या सहायता कर सकते हैं.
चुनाव आयोग को डमी कैंडिडेट के जरिये उलझाया जा रहा, 70 लाख खर्च का मामला
देखिये या तो आप बेवकूफ हैं या हम क्यूंकि ये जनाब किस तरह अपने ही जाल में फंस कर सफाई पेश कर रहे हैं हमारी तो हंसी रोके नहीं रुक रही. ये खबर आपने देखी इसमें एक बात निकलकर आ रही है की किस तरह चुनाव आयोग को डमी कैंडिडेट के जरिये उलझाया जा रहा है. क्यूंकि एक प्रत्याशी 70 लाख ही खर्च कर सकता है और इन डमी कैंडिडेट के सहारे ही खर्चो को मैनेज किया जा सकता है. अब देखना होगा की प्रसासन इस पर कैसी नज़र रखता है !और ये तो विधि का विधान है सत्ता पक्ष हमेशा सत्ता का फायदा उठाता हैं