नैनीताल : पूर्व सीएम हरीश रावत के स्टिंग मामले में आज न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ के समक्ष हुई संक्षिप्त सुनवाई के बाद अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी। आपको बता दें कि इससे पहले की सुनवाई में सीबीआई ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर कहा था कि वे हरीश रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने जा रहे हैं। जबकि कोर्ट ने पूर्व में सीबीआई को निर्देश दिए थे कि उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले कोर्ट को अवगत कराएं। इसी के क्रम में सीबीआई की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया था।
वहीं मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने याचिका दायर कर कहा था कि 2017 में कांग्रेस की सरकार गिरने पर उनके स्टिंग और विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में प्रारंभिक जांच पर रोक लगाई जाए।
सीबीआई केन्द्र सरकार का तोता है-हरीश रावत
वहीं इश सुनवाई से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केन्द्र सरकार पर तीखा जुबानी हमला करते हुए कहा था कि यह ऐसा मामला है जिसमें सीबीआई को कोर्ट में अपराध साबित करना है और यदि उनके खिलाफ अपराध साबित हो जाता है तो वह कार्यवाही के लिए तैयार हैं. सीबीआई केन्द्र सरकार का तोता है और जिस तरह से सीबीआई उत्पीडन कर रही है उससे यह साफ हो गया है की सीबीआई केन्द्र के हाथों की कठपुतली बन गयी है और मालिक के सोचने से पहले सीबीआई कार्यवाही कर देती है, हरीश रावत का कहना है की उनके स्टिग में किसी प्रकार से विधायकों की खरीद फरोख्त की बात नही की गई है, उन्होने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खटटर का उदाहरण देते हुए कहा की मनोहर लाल खटटर ने फर्सा उठाकर काटने की बात कही थी तो उनके ऊपर सीबीआई जॉच या 307 का मुकदमा लगा देना चाहिए क्या, उन्होने कहा की जिस दिन वह दोषी पाये गये तो वह उस दिन सीबीआई के समक्ष पेश होकर खुद को जेल में डालने को बोल देगे