हरिद्वार के अस्पतालों की हालत खस्ता
हरिद्वार डीएम दीपक रावत हमेशा से अपने तुरंत एक्शन लेने को लेकर चर्चाओं में रहते हैं और साथ ही अचानक छापेमारी, निरीक्षण को लेकर भी छाए रहते हैं. पूरे जिले की जिम्मेदारी उनके पास है और उनके पास हर वो ताकत है जो जनता की सेवा के लिए काम आ सकती है. लेकिन हरिद्वार जहां आए दिन भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं वहां अस्पतालों की हालत खस्ता है जिससे स्थानीय लोगों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. न चेकअप की कोई मशीनें ठीक है और न डॉक्टर है. लोगों को भारी गर्मी में लंबी लंबी लाइनें लगाने पड़ रही है.
डीएम दीपक रावत से अपील
डीएम दीपक रावत से गुजारिश है कि तीर्थनगर हरिद्वार में वो अस्पतालों को भी निरीक्षण करें खासतौर पर जिला अस्पताल का जहां गरीब से गरीब लोग इलाज के लिए आते हैं और डॉक्टर गायब रहते हैं.
22 डॉक्टरों के सापेक्ष केवल 14 डाक्टर ही तैनात हैं
आपको बता दें कि हरिद्वार जिला अस्पताल में 22 डॉक्टरों के सापेक्ष केवल 14 डाक्टर ही तैनात हैं.. जिनमें से आए दिन वीआईपी ड्यूटी, पोस्टमार्टम और दूसरे कार्यों से डॉक्टरों को बाहर जाना पड़ता है। जिसके चलते केवल 7 से 8 डॉक्टर ही जिला अस्पताल में मौजूद रहते हैं। ऐसे में रोजाना सैकड़ों मरीजों की भीड़ को संभालने के लिए यहां डॉक्टरों की कमी जगजाहिर है। जिला अस्पताल केवल रेफर सेंटर ही बन गया है। भयंकर गर्मी में तेजी से फैल रहे संक्रामक रोगों के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण जिला अस्पताल बीमार बना हुआ है।