देहरादून। बीजेपी विधायक के घर से चंद कदम दूर और मुख्यमंत्री आवास से कुछ किलोमीटर दूर अवैध शराब का कारोबार होता रहा और सिस्टम शराब माफिया के पास से आने वाली ‘खुशबू’ में मदमस्त सोता रहा। अब जबकि जहरीली शराब से छह लोगों की दो दिनों में मौत हो चुकी है और ‘खुशबू’ पर ‘मातमी गंध’ हावी हो चुकी है सिस्टम की तंद्रा टूट गई है।
स्थानीय लोगों की माने तो काफी वक्त से देहरादून की लो लाइन बस्तियों में अवैध शराब का कारोबार होता रहा है और जिम्मेदार अधिकारियों को इस बात की पूरी जानकारी रही है। लेकिन हर सत्ता के साथ संरक्षण का समीकरण बैठा लेने वाले इन शराब माफिया को जिम्मेदार अधिकारियों का कोई खौफ नहीं रहता। फिर अगर शराब माफिया अगर सत्ताधारी पार्टी से ही जुड़ा हो तो कहना ही क्या।
जहरीली शराब कांड से मरने वालों के परिजनों और स्थानीय लोगों की माने तो बीजेपी के स्थानीय नेता अजय सोनकर उर्फ घोंचू पिछले काफी वक्त से अवैध शराब का कारोबार करता रहा है। हालात ये हैं कि शराब तस्करी में अजय सोनकर के ऊपर मुकदमा दर्ज है और वो पुलिस की फाइलों में फरार चल रहा है। लेकिन दिलचस्प ये कि फरारी काट रहे इस आरोपी की पत्नी को बीजेपी पार्षद का टिकट देती है और चुनाव लड़वाती है। दिलचस्प ये भी है कि इनके रिश्ते कांग्रेस से भी उतने ही मधुर हैं।
पुलिस वालों को अजय सोनकर के बारे में जानकारी क्यों नहीं मिली ये हैरान करने वाली बात है। संभव है कि उसकी आंखों पर कोई पट्टी बांधी गई हो। जिला आबकारी अधिकारी और महकमे की आंखों पर भी संभवत यही पट्टी पड़ी हुई थी।तभी तो लोगों की जान का सौदा होता रहा और जिला आबकारी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी।
ऐसे में समझा जा सकता है अवैध शराब का कारोबार कैसे रुकता। फिर शराब, सियासत और सिस्टम का मकड़जाल तो ऐसा है जिसे तोड़ पाना अब तक इस राज्य में संभव नहीं हो पाया।