उत्तराखंड के 6 साहसी बच्चों ने वीरता की एसी गाथा रची कि उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद ने राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार 2017 के लिए उनके नाम का प्रस्ताव भारतीय बाल विकास परिषद नई दिल्ली को भेजा गया है। आधा दर्जन नामों में एक वीर बालिका और पांच वीर बच्चे हैं।
दूसरे को मुसीबत में फंसा देख अपनी जान की परवाह न करने वाले इन वीर बच्चों ने अपनी सूझबूझ का ऐसा कमाल दिखाया कि सुनने वाले बच्चों के साहस के कायल हो गए। बच्चों ने किसी को करंट से बचाया तो किसी को मौत के मुंह से खींच लाने का साहस जुटाया।
उत्तराखंड से गहन जांच पड़ताल के बाद भेजे गए इन नामो में चमोली के ईश्वर सिंह ने उफनते गदेरे से अपनी से बड़ी युवती को बचाने की वीर गाथा लिखी तो उधमसिंहनगर की कनिका ने अपनी समझदारी से पड़ोसी की बच्ची को करंट लगने से बचा लिया। टिहरी के पंकज ने अपनी मां को गुलदार के पंजों से बिना डरे छुड़ा लिया। जबकि उधमसिंहनगर के अभय,अक्षय और युवराज चावला ने मोबाइल लूटेरे को पकड़ने की हिम्मत दिखाई।
राज्य के सभी छह बच्चों के आवेदन भारतीय बाल विकास परिषद नई दिल्ली को भेज दिए गए हैं। उम्मीद है कि गणतंत्र दिवस पर राज्य के इन वीर बालकों को उनके साहस के लिए राष्ट्रीय बाल वीरता खिताब से नवाजा जाएगा।