हरिद्वार: वैसे तो हरिद्वार में हर दिन देश-दुनिया के श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है, लेकिन चारधाम यात्रा के दौरान हरिद्वार में मां गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने वालों की तादात बढ़ जाती है। लेकिन, लोग जिस पवित्र गंगा जल में पुण्य की डुबकी लगाने आते हैं। उस पवित्र जल को हरकी पैड़ी पर सीवर की गंदगी डालकर मैला किया जा रहा है। गंगा में गिरते सीवर केंद्र सरकार की हजारों करोड़ की नमामी गंगे योजना के दावों की पोल रहे हैं। साथ हरिद्वार जिला प्रशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े होते हैं कि आखिर गंगा में गंदगी डालने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं लगाई जाती।
कई जगहों पर गंगा में गिर रही सीवर की गंदगी
गंगोत्री के कपाट खुलने वाले हैं, जिसको लेकर धाम के रावल शिवप्रकाश हरिद्वार पहुंचे और गंगा पर अपनी चिंता व्यक्त की। स्थनीय लोगों ने उनको बताया की यहां सीवर सिस्टम की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। इसके अलावा कई अन्य स्थानों पर भी सीवर चैक होकर गंगा में गिर रहा है। हरिद्वार के हर की पौड़ी, महिला सेवा सदन इंटर कालेज, सप्तऋषि, गुसाईं भीमगोड़ा, शिवनगर भूपतवाला और शिवमूर्ति के पास सेवा समिति भवन के गेट के पास मुख्य रोड पर सीवर लाइन पिछले कई दिनों से चैक होकर खुले में बह रही है। सारी गंदगी गंगा में गिर रही है।
संतों ने कहा, कार्रवाई करे सरकार
गंगा को स्वच्छ करने के नाम पर नमामी गंगे और गंगा स्वच्छता जैसे कार्यक्रमों पर हर साल करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। गंगा किनारे बने आश्रम हों या फिर होटल सभी गंगा को मैला कर रहे हैं, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इसको लेकर संतों में भी आक्रोश है। अखाडा परिषद के प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने कहा कि सरकार को ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जिनकी गंदगी गंगा नदी में गिर रही है। उन्होंने आ रोप लगाया कि बंद कमरों में बैठकर गंगा पर करोड़ों खर्च करने के प्रोजेक्ट बनाने को कोई लाभ नहीं है।