हरिद्वार : हरीश रावत को नैनीताल उधमसिंह नगर से उम्मीदवार घोषित किया गया है जिससे उनका सामना भाजपा के दिग्गज अजय भट्ट से है. भले ही कांग्रेस ने हरीश रावत को नैनीताल से उम्मीदवार घोषित कर दिया है लेकिन लगता है हरीश रावत दिल से उतने खुश नहीं है जितने होने चाहिए थे.
हरीश रावत का दिल कहीं और!
गौर हो की इससे पहले हरीश रावत ने लगातार हरिद्वार से किसानों के मुद्दे को उठाया औऱ गन्ना यात्रा निकाली जिससे साफ हो रहा था कि हरीश रावत हरिद्वार से लोकसभा चुनाव में खड़े होना चाहते थे लेकिन उन्हें हरिद्वार से टिकट न देकर नैनीताल से उम्मीदवार घोषित किया जिसके बाद हरीश रावत खासा खुश नजर नहीं आ रहे हैं. उनका दिल तो कहीं और है. जी हां ये हम नहीं बल्कि उनकी फेसबुक पोस्ट बता रही है कि इस वक्त उन्हें हरिद्वार कितना याद आ रहा है.
हरीश रावत की पोस्ट
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैं नैनीताल उधमसिंहनगर की ओर प्रस्थान कर रहा हूं और इस क्षण मुझको हरिद्वार बहुत याद आ रहा है। हरिद्वार संसदीय क्षेत्र के भाई बहन, वहां का जर्रा-जर्रा मेरे सामने उभर कर के खड़ा हो रहा है। बहुत लगाव लोगों का मुझसे रहा है, मेरा भी रहा है और ये लगाव आगे भी बना रहेगा। जब थोड़ा दूर होते हैं तो प्यार हो ज्यादा बढ़ जाता है। मैं हरिद्वार के भाई बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं पहले की तरीके से हरिद्वार के विकास और भाई बहनों की भलाई के लिए समर्पित भाव से काम करता रहूंगा, नये उत्साह के साथ काम करता रहूंगा। जितना ध्यान, जितना समर्पण मेरा नैनीताल-ऊधमसिंहनगर के भाई बहनों के साथ रहेगा वही समर्पण मेरा हरिद्वार के लिए भी बना रहेगा। आप सब जानते हैं कि कई वर्ष हो गए अल्मोड़ा से मुझे चुनाव ना लड़े हुए लेकिन उसके बावजूद भी अल्मोड़ा से निरंतर मेरा स्नेह, प्यार का रिश्ता बना हुआ है। तो ये रिश्ता जो एक बार बनता है वो भावनाओं का रिश्ता होता है तो हरिद्वार से भी मेरा भावनाओं का रिश्ता है। मैं आप सब भाई बहनों का आशीर्वाद लेकर कल नामांकन करूंगा। मेरे लिए गंगा मां से जरूर प्रार्थना करें, साबिर साहब से भी जरूर दुआएं माँगें। किसान भाइयों से भी मेरी प्रार्थना है कि जब भी अपने गन्ने के खेत की तरफ देखें तो मुझे जरूर याद करें, मेरा समर्पण उनके खेत, खलिहान, गन्ने और उनके व उनकी बेहतरी के लिए हमेशा अटूट बना रहेगा।