प्रशासन ने अवैध भंडारण के खिलाफ स्टोन क्रेशरों में लगातार की जा रही छापेमारी की कार्यवाही से स्टोन क्रेशर स्वामियों में हड़कम्प मचा हुआ है, छापेमारी की कार्यवाही से परेशान होकर स्टोन क्रेशर स्वामी प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है, हल्द्वानी और लालकुआं में करीब 20 स्टोन क्रेशर चलते हैं जो कि सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व देते हैं और उनके क्रेशर बन्द करने से सड़क और भवन निर्माण कार्य सहित अन्य कार्यो में दिक्क्त आ सकती है.
स्टोन क्रेशर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल का कहना है कि वो लोग गौला नदी में होने वाले खनन को कुंटल के हिसाब से खरीदते हैं इसलिए उनके खनिज की पैमाइश भी कुंटल के हिसाब से ही होनी चाहिए जिसके लिए वो तैयार है, लेकिन जिस तरह से खनन विभाग और प्रशासन स्टोन क्रेशर में खनिज की पैमाइश कर रहा है वो पूरी तरह से गलत हैं और जिसके चलते उनके ऊपर लाखों रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है.
वही स्टोन क्रेशर एसोशिएशन ने प्रशासन पर आर्थिक मंदी के दौर पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कहा की स्टोन क्रेशरों का काम इस समय पूरी तरह से ठप है लेकिन प्रशासन और खनन विभाग जबरन छापेमारी की कार्यवाही कर रहा हैं, जिसके विरोध में उन्होंने सभी क्रेशर अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए है, उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर समस्या का समाधान करने की मांग की है।