हल्द्वानी : पूरी दुनियां इस समय कोरोना से जंग लड़ रही है और पूरे हिंदुस्तान में लॉक डाउन है यानी कि हालात बेहद नाजुक हैं। पूरा देश कोरोना को हराने की जंग लड़ रहा है, इस वायरस की वजह से जहां दुनियाँ की बड़ी बड़ी महाशक्तियां हलकान हैं, तो हिंदुस्तान में कोरोना की सबसे बड़ी मार गरीब तबके पर पड़ी है। एक तरफ दिहाड़ी मजदूर छोटे छोटे बच्चों के साथ भूखे प्यासे पैदल ही अपने अपने घरों की तरफ चल पड़े हैं तो कई लोग ऐसे भी हैं जिनको अभी भी इस महामारी का एहसास तक नहीं और ऐसे कुछ नासमझलोग कोरोना की जंग में अहम भूमिका निभा रहे हॉस्पिटल स्टाफ से उलझ रहे हैं तो कुछ सुरक्षा कर्मियों के साथ मारपीट पर आमादा हैं।
हालांकि देश के प्रधानमंत्री ने लोगों से हाथ जोड़कर अपने अपने घरों में ही रहने की विनती की है, ऐसे नाजुक वक्त में जब आम इंसान अपने घर परिवार को सुरक्षित रखने और उनके भरण पोषण के लिए खाने पीने की व्यवस्था कर राशन का स्टॉक जमा करने में जुटा हुआ है, लेकिन किसी ने भी शायद उन असहाय, दिव्यांग विकलांग, मजलूम, बेसहारा, विक्षिप्त लोगों तथा इंसानों पर आश्रित उन परिवारों के बारे में सोचा भी हो क्योंकि हर कोई अपने बारे में सोच रहा है। ऐसे नाजुक वक्त पर उत्तराखण्ड पुलिस की पहल काबिले तारीफ है।
नैनीताल जिले में पुलिस कर्मियों ने जहां दूरदराज दुर्गम पहाड़ी गांवों में कंधे पर रखकर ग्रामीणों के लिए राशन पहुंचाया तो मैदानी क्षेत्रों में पुलिस कर्मियों ने खाना बनवाकर सड़क किनारे पड़े विकलांग, दिव्यांग,विक्षिप्त और बेसहारा लोगों को भोजन मुहैया करवाया और उनका ख्याल भी रखा श। साथ ही उन बेपरवाह लोगों को संदेश भी दिया जो सड़क पर बेवजह निकल कर कोरोना वारियर्स से उलझ रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने बड़े आर्थिक पैकेज का एलान कर कोरोना के ख़ौफ़ से जूझ रहे आम आदमी के लिए राहत देने की कोशिश की है।