नई दिल्ली : अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट में आज 40वें दिन की सुनवाई हो रही है। आज शाम इस मामले की सुनवाई खत्म हो जाएगी। आज की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई काफी सख्त नजर आ रहे हैं। वह एक-एक मिनट के लेकर सख्त हैं। अबतक की सुनवाई में हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने अपने-अपने पक्ष में कई दलीलें दीं। इस बीच, कोर्ट में काफी ड्रामा भी हुआ और मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने एक किताब में राम मंदिर पर छपे नक्शे को फाड़ दिया.
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने हलफनामा दाखिल कर केस वापस लेने की मांग की
वहीं लंबे इंतजार के बाद आज अयोध्या मामले में नया मोड़ आया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने हलफनामा दाखिल कर केस वापस लेने की मांग की है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मध्यस्थता पैनल के जरिए हलफनामा दाखिल कर कहा है कि वो केस वापस लेना चाहता है। इसके लिए बोर्ड ने अपने वकीलों से भी कोई सलाह नहीं ली है।
मी़डिया रिपोर्ट्स के अनुसार वक्फ बोर्ड के सदस्यों के बीच कई दिनों से अनबन चल रही थी। बोर्ड के चेयरमैन जेड ए फारुकी के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने फारुकी के खिलाफ CBI से जांच कराने की मांग की थी। फारुकी पर अवैध बिक्री और बोर्ड की जमीन खरीदने का आरोप है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर- प्रदेश सरकार ने फारुकी को सुरक्षा मुहैया कराई है। अयोध्या मामले में मध्यस्थ श्रीराम पंचू ने बताया कि फारूकी ने अदालत के पांच जजों की संविधान पीठ को सूचित किया था कि उनकी जान को खतरा है। फारूकी की इस चिंता को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने अब योगी सरकार को उन्हें सुरक्षा देने का आदेश दिया था।
फारुकी ने मध्यस्थता पैनल के जरिए मांग की है कि सरकार बाबरी मस्जिद तोड़े जाने के दौरान आयोध्या में 22 मस्जिदें क्षतिग्रस्त हुईं थी, जिसे ठीक किया जाए। साथ ही उन्होंने मांग की है कि कि सुप्रीम कोर्ट एक कमेटी गठित करें जो भी पुरातत्व विभाग के अधीन के धार्मिक स्थल हों उनकी जांच की जाए। फिलहाल आज इस मामले की आखिरी सुनवाई है।