कई दिन से शर्म-लाज के कारण एक मां चुप रही लेकिन आखिर मां मां होती है जिसे अपने बच्चे से बेहद प्यार लगाव होता है. एक मां जो बिन ब्याही है जिसने प्यारीसी बेटी को जन्म दिया वो कई दिनों से समाज में इज्जत और शर्म के कारण चुप रही लेकिन बाल कल्याण समिति के सामने आते ही उसने आवाज बुलंद की.
बिन ब्याही मांं ने दी दिया बेटी को जन्म
मामला फरीदपुर का है जहां बिन ब्याही मां ने बेटी को जन्म दिया. जो बेटी की परविरश को लेकर परेशान थी और स्थिति साफ नहीं थी. लेकिन सोमवार को किशोरी नवजात बिटिया को लेकर सोमवार को बाल कल्याण समिति के सामने पेश हुई। जिसके बाद सीडब्ल्यूसी के मजिस्ट्रेट डा. डीएन शर्मा ने किशोरी और उसके परिवार वालों की काउंसलिंग की.इसके बाद किशोरी ने अपनी बेटी की पूरी जिम्मेदारी उठाने का ऐलान कर दिया। किसी दूसरे को देने से साफ इंकार किया। परिवार वालों ने भी बच्ची की परवरिश करने की इच्छा जताई। पूरा मामला बाल कल्याण समिति ने दर्ज किया।
किशोरी ने अपनी बड़ी बहन और पिता के सामने नवजात को अपनाने का ऐलान कर दिया। किशोरी ने साफ कहा कि जो मेरी बेटी को अपनाएगा, वो उसी युवक के साथ शादी करूंगी।
सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट ने दुर्गा रखा नवजात का नाम
वहीं सोमवार को काउंसलिंग के दौरान सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट डीएन शर्मा ने किशोरी से बिटिया का नाम पूछा। किशोरी ने मजिस्ट्रेट से ही बेटी का नाम रखने को कहा। मजिस्ट्रेट ने नवजात का नाम दुर्गा रख दिया। वहीं बाल कल्याण समिति ने नवजात बिटिया को सरकार की कन्या सुमंगला योजना का लाभ दिलाने के आदेश दिए हैं। टीकाकरण से लेकर उच्च शिक्षा हासिल करने तक सरकार बिटिया को आर्थिक मदद देगी।
दुष्कर्मी का नाम बताया
दुष्कर्म करने वाले के नाम पर किशोरी ने चुप्पी साध ली। बिन ब्याही मां की आंसुओं में दर्द साफ झलक रहा था। किशोरी ने किसी करीबी रिश्तेदार की ओर इशारा जरूर किया। परिवार टूटने के डर से किशोरी ने दुष्कर्म करने वाले का नाम नहीं बताया।