देहरादून – केंद्र सरकार की मदद से उत्तराखंड में आम के आम गुठिलयों के दाम मिलने वाले हैं। राज्य सरकार केंद्र के प्लान से चली तो तय है कि उत्तराखंड की पहाड़ी गाय गांवों के लिए कामधेनु साबित हो जाएगी।
जी हां, सूबे की पहाड़ी नस्ल की ‘बदरी गाय’ का दूध ही नहीं मूत्र का भी मोल लगेगा। उसकी वजह है नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक रिसोर्स(NBAGR) सेंटर करनाल की रिपोर्ट जिसमें बदरी गाय की क्षमता को प्रमाणित किया गया है।
उसके मुताबिक देश में पायी जाने वाली दूसरी नस्लों के मुताबिक उत्तराखंड की पहाड़ी बदरी गाय का दूध अधिक पोष्टिक और विटामिन से भरपूर है। सूबे की बदरी गाय, पहाड़ी भेड़ और बकरी से कुछ ज्यादा ऊंची है हालाकि इसके दूध उत्पादन की क्षमता कम है। हिमालयी जड़ी-बूटी मिश्रित घास खाने के चलता इसका दूध पौष्टिकता की कसौटी पर सौ फीसदी खरा है।
ऐसे में केंद्र सरकार की मदद से जल्द ही राज्य में बदरी गायों की दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ाई जाएगी वहीं इसके मूत्र को एकत्र करने का काम भी किया जाएगा। केंद्र सरकार बदरी गाय के दूध और मूत्र की ब्रांडिग करने की योजना बना रही है।
इस बात की जानकारी सूबे की पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने दी। गौरतलब है कि रेखा आर्य पिछले दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन से इस बारे मे मिली थी। रेखा ने कहा कि इससे जहां पहाड़ों में पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा वहीं महिलाओं की आर्थिकी भी मजबूत होगी और पलायन पर भी रोक लगेगी।