देहरादून – एक साल हो चुका है बावजूद इसके हरिद्वार के 2493 पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने चुनावी खर्च का ब्योरा चुनाव आयोग को नहीं सौंपा। ये पंचायत प्रतिनिधियो की लापरवाही है या उनकी हनक ये तो वहीं जाने, बहरहाल राज्य निर्वाचन आयोग नें अपना नियमो का चाबुक चला दिया है। इसके तहत खर्च का ब्योरा न देने वाले सभी पंचायत प्रतिनिधि अब आने वाले छ साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ पांएगे।
निर्वाचन आयोग की इस कार्रवाई की जद में सबसे ज्यादा बीडीसी मेंम्बर आए हैं। हालांकि 975 ग्राम प्रधान और 185 जिलापंचायत सदस्यों समेंत 1333 बीडीसी मेंम्बर्स पर राज्य निर्वाचन आयोग ने कार्रवाई की है। बीडीसी मेंम्बरों में सबसे ज्यादा नारसन ब्लॉक के हैं, जहां 377 बीडीसी मेंम्बरों पर आयोग ने कार्रवाई का चाबुक भांजा है। इतना ही नहीं नारसन ब्लाक के सबसे ज्यादा पंचायत प्रतिनिधियों पर निर्वाचन आयोग का डंडा चला है। इनमें 237 प्रधान समेंत कुल 614 प्रतिनिधि शामिल है।
वहीं लक्सर ब्लाक के 305 पंचायत प्रतिनिधियों पर भी निर्वाचन आयोग ने छह साल का प्रतिबंध लगाया है। लक्सर के 137 ग्राम प्रधान और 168 क्षेत्र पंचायत सदस्य आने वाले चुनावों के लिए अयोग्य करार दिए गए हैं।
वहीं भगवानपुर ब्लॉक के कुल 464 पंचायत प्रतिनिधियों पर निर्वाचन आयोग ने एक्शन लिया है, जिनमें 200 ग्राम प्रधान और 264 क्षेत्र पंचायत सदस्य शामिल हैं। वहीं बहदाराबाद के 470 पंचायत सदस्यों पर कार्रवाई का चाबुक चला है जिनमें 205 प्रधान और 267 बीडीसी मेंम्बर शामिल हैं।
वहीं रुड़की के 160 ग्राम प्रधान और 200 क्षेत्र पंचायत सदस्य भी आने वाले 6 साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। खानपुर ब्लाक के 93 पंचायत सदस्यों जिनमें 36 ग्राम प्रधान और 57 बीडीसी मेम्बर ने भी राज्य निर्वाचन आयोग को अपना चुनावी खर्चा का ब्यौरा नहीं दिया नतीजनत उन पर भी 6 साल का बैन लगा दिया गया है।