हमारी सरकारें पिछले 16 साल में ऐसी नीति नहीं बना सकी जिससे आकृषित होकर यहां के नौजवानों डिग्रीधारी सम्मानित पशुपालक बनते और पुरखों के पेशे को वो बेहिचक अपनाकर उसमे बदलाव लाते हुए बड़े ऊन उत्पादक बनकर अपनी मिसाल देते।
हम नौजवानों को नहीं समझा सके लिहाजा आज आलम ये है कि हमारे नौजवान फैक्ट्रियों में 8-10 हजार की नौकरी के लिए गांव छोड़ रहा है। सिडकुल के इलाकों में मुर्गी के दड़बे जैसे घरों में रह रहा है और बहारी उद्योगपतियों से अपना शोषण करवा रहे हैं।
बहरहाट नौकरी के लिए गांव छोड़कर आने के लिए तैयार बैठे राज्य के बेरोजगार के लिए ये खुशखबरी है कि चीन की एक कंपनी सितारगंज फेज-2 में कंबल फैक्ट्री लगाने जा रही है।
मैसर्स योयोगो टेक्सटाइल इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने उत्तराखंड में कम्बल निर्माण इकाई लगाने के लिए राज्य सरकार से इजाजत मांगी थी। जिसकी गुजारिश को सभी संबन्धित महकमों ने स्वीकार कर लिया है और आनलाइन सहमति दे दी है।
चीन की ये कंपनी जल्द ही सितारंगज के सिडकुल में 321 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश करेगी। बताया जा रहा है कि इस इकाई से एक हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। के अवसर मिलेंगे।