केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के द्वारा पेश किये गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2014-15 से सात दिसंबर 2022 तक प्रिंट मीडिया के माध्यम से विज्ञापनों पर 3138.81 करोड़ रुपए खर्च किए गए। जबकि इस अवधि में इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से विज्ञापन पर 3260.79 करोड़ रुपए खर्च हुए।
सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय संचार ब्यूरो (CBC) के माध्यम से साल 2014-15 में प्रिंट मीडिया पर विज्ञापन में 424.84 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर विज्ञापन में 473.67 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसके अलावा वर्ष 2015-16 में प्रिंट मीडिया पर 508.22 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 531.60 करोड़ रूपये खर्च किए गए। साल 2016-17 में प्रिंट मीडिया पर 468.53 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 609.60 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
वर्ष 2017-18 में प्रिंट मीडिया पर 636.09 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 514.28 करोड़ रुपए खर्च हुए। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018-19 में प्रिंट मीडिया पर 429.55 करोड़ रुपए खर्च किए गए वहीं इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 514.28 करोड़ रुपए प्रचार के लिए खर्च किए गए।
वर्ष 2019-20 में प्रिंट मीडिया पर 295.05 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 317.11 करोड़ रुपए खर्च किए गए।साल 2020-21 में प्रिंट मीडिया पर 197.49 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 167.98 करोड़ रुपए हुए। वही पिछले वर्ष 2021-22 में प्रिंट मीडिया पर 179.04 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 101.24 करोड़ रुपए खर्च हुए।
वर्तमान वर्ष 2022-23 में सात दिसंबर 2022 तक प्रिंट मीडिया पर विज्ञापन में 91.96 करोड़ रुपए वही इलेक्ट्रानिक मीडिया पर सरकार ने प्रचार के लिए 76.84 करोड़ रुपए खर्च किए। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के द्वारा ये भी बताया गया कि विदेशी मीडिया में विज्ञापनों पर मोदी सरकार ने कोई खर्चा नहीं किया है।