ई-सिगरेट पर केन्द्र सरकार ने प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ई सिगरेट के उत्पादन, आयात निर्यात, ब्रिकी और विज्ञापन पर पूरी तरह से रोक लगाने वाले अध्यादेश पर मंजूरी दी है। अब ई सिगरेट रखना और बेचना अपराध होगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट समाज में एक नई समस्या को जन्म दे रहा है और बच्चे इससे अपना रहे हैं. निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट को बनाना, आयात/निर्यात, बिक्री, वितरण, स्टोर करना और विज्ञापन करना सब पर प्रतिबंध होगा
आइये आपको बताते है कि ई सिगरेट क्या होती है
ई सिगरेट को भी धू्रमपान माना जाता है। ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इन्हेलर है, जिसमें निकोटिन और अन्य केमिकल युक्त लिक्विड भरा जाता है।
ये इन्हेलर बैट्री की ऊर्जा से इस लिक्विड को भाप में बदल देता है जिससे पीने वाले को सिगरेट पीने जैसा एहसास होता है। लेकिन ई-सिगरेट में जिस लिक्विड को भरा जाता है वो कई बार निकोटिन होता है इसलिए ई-सिगरेट को सेहत के लिहाज से बिल्कुल सुरक्षित नहीं माना जा सकता है।
ई-सिगरेट के कारण तंबाकू किसानों पर असर पड़ रहा है-भारतीय किसान यूनियन
इतना ही नहीं कुछ देशों में इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है. वहीं भारत भी अब इसको लेकर काफी संजीदा हो गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब ई-सिगरेट के मुकाबले सामान्य सिगरेट पर बैन के बारे में पूछा गया तो मंत्री जी सवाल टाल गए। वहीं सूत्रों की माने तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन ने भी बीते दिनों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को इस मसले पर चिट्ठी लिखी थी. भारतीय किसान यूनियन की अपील थी कि ई-सिगरेट के कारण तंबाकू किसानों पर असर पड़ रहा है, ऐसे में सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द कोई कदम उठाना चाहिए