नई दिल्ली- मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण इस भारतीय क्रिकेटर की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। हसीन जहां ने शमी पर घरेलू हिंसा, रेप और मारपीट समेत जान से मारने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। मुश्किलों में घिरे शमी के लिए अब एक अच्छी खबर आई है। शमी को लेकर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने एक बयान दिया है।
शमी के लिए आई अच्छी खबर
शमी-हसीन विवाद को लेकर धौनी ने कहा कि शमी एक बेहतरीन इंसान हैं और वो कभी भी अपनी पत्नी और देश को धोखा नहीं दे सकता। इसके साथ ही साथ धौनी ने कहा कि इस मामले को लेकर जांच एजेंसियां और पुलिस तहकीकात कर रही हैं| धौनी के इस बयान से साफ है कि मोहम्मद शमी पर अभी भी उनके साथी खिलाड़ियों का विश्वास बरकरार है।
रविवार की दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हसीन जहां ने एक बार फिर से मोहम्मद शमी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। हसीन ने कहा था कि कार से उन्हें शमी का दूसरा मोबाइल नहीं मिलता तो वो उन्हें तलाक दे देता। उसकी सच्चाई मोबाइल से ही सामने आई। इसके बाद उसका उनके प्रति बर्ताव बदल गया। हसीन जहां के मीडिया से बातचीत करने के बाद मोहम्मद शमी भी मीडिया से मुखातिब हुए। शमी ने अपनी पत्नी के द्वारा लगाए गए आरोपों पर तो कुछ नही कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि मैं बात करने के लिए तैयार हूं।
हसीन जहां कहीं भी बुलाएंगी, मैं बातचीत करने के लिए वहां मौजूद हो जाऊंगा
शमी ने मीडिया के सामने कहा कि अगर ये मुद्दा बातचीत से हल हो जाए, तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। आपसी तालमेल से इस मुद्दे को सुलझाना ही हम दोनों और हमारी बेटी के लिए सही रहेगा। मुझे इसके लिए कोलकाता जाना पडेगा तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं और मुझे हसीन जहां कहीं भी बुलाएंगी तो मैं बातचीत करने के लिए वहां मौजूद हो जाऊंगा।
परिवार के चार सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज
हसीन जहां की शिकायत के आधार पर शमी व उनके परिवार के चार सदस्यों के खिलाफ जादवपुर थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिंन धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
शमी के अलावा उनके परिवार के चार अन्य लोग कौन हैं, इस बारे में पुलिस की ओर से अभी साफ नहीं किया गया है। कानूनी जानकारों के मुताबिक इनमें से धारा 307, 328 और 376 गैरजमानती हैं। ऐसे में शमी व उनके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी लगभग तय है, बशर्ते उन्हें हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत न मिले।