देहरादून- उत्तराखंड सरकार ने विधायकों के वेतन में जो 120 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है उसकी खिलाफत होनी शुरू हो गई है। सोशल मीडिया के प्लेटफार्म से लेकर चाय चौपालों और कर्मचारी संगठनों की बैठकों में इसे लेकर नाराजगी झलक रही है।
उत्तराचंल बिजली कर्मचारी संघ( संविदा प्रकोष्ठ) की बैठक में भी संविदा कर्मियों ने इस इजाफे पर अपनी नाराजगी जताई है। कर्मचारियो का कहना है कि ऊर्जा निगम में कार्यरत उपनल संविदाकर्मियों के वेतन और सुरक्षित भविष्य के लिए कोई नीति नहीं बनाई लेकिन माननीयों के वेतन भत्ते में बड़ा इजाफा किया।
जबकि सुप्रीम कोर्ट और लेवर कोर्ट ने समान काम के लिए समान वेतन के निर्देश दिए हैं। बावजूद सरकार ने अदालत के आदेश की अवमानना की है और उस पर कोई अमल नहीं किया। ये बात बीते रोज ईसी रोड़ स्थित कार्यालय में हुई संविदा कर्मियों की बैठक के दौरान वक्ताओं ने कही।
वक्ताओं ने कहा सरकार को सोचना चाहिए जब महंगाई आदमी को भी निगलने के लिए तैयार बैठी हो संविदा कर्मी का घर-परिवार 8000 रूपए की मामूली पगार में कैसे चल रहा होगा!