रुद्रपुर: विधायक राजकुमार ठुकराल ने कहा कि वह लगातार सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से नजूल भूमि के फ्री होल्ड सम्बन्धित मुद्दे पर पैरवी कर रहे हैं। 31 अगस्त और 6 सितंम्बर को राज्य सरकार की ओर से उन्होंने सुनवाई हेतु त्वरित प्रार्थना पत्र लगाया था, जिसके सापेक्ष आज सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के पक्ष में उच्च न्यायालय द्वारा दिये गए आदेश फ्री होल्ड सम्बन्धित रोक को हटा दिया है। साथ ही उन्होंने बताया कि 19 जून 2018 द्वारा नैनीताल में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा जारी की गई नजूल नीति 1 मार्च 2009 को कब्जाधारियों के कब्जे को नियमित करने के लिए रद्द कर दिया था।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को नजूल भूमि पर कब्जा करने का निर्देश दिया था, जिसे घोषित किया गया था। बताया कि उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को भविष्य में अनाधिकृत कब्जाधारियों/अतिक्रमणों को नियमित करने के लिए सामान्य नीति या नजूल नीति जारी करने से भी रोक दिया था। वहीं तुषार मेहता सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया एवं जतिंदर कुमार सेठी, उप राज्य की ओर से पेश महाधिवक्ता, सर्वाेच्च न्यायालय ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के 19 जून 2018 के निर्णय पर रोक लगा दी है।
इसके साथ ही राज्य सरकार अब नजूल भूमि पर राज्य में अनधिकृत कब्जाधारियों/अतिक्रमणों को नियमित करने के लिए एक नीति बनाने और लागू करने के लिए स्वतंत्र है। विधायक ठुकराल ने कहा कि यह एक बड़ी जीत है उन्होंने कहा कि वह हर रणनीति पर प्रयासरत हैं कि रुद्रपुर के 22000 परिवारों को मालिकाना हक मिल।े उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मुद्दे पर गंभीर है।
उन्होंने कहा कि वह भी चाहते हैं कि नजूल भूमि पर शीघ्र अति शीघ्र लोगों को मालिकाना हक मिले। सरकार अपने स्तर पर हर कानूनी पहलुओं पर विचार कर इस मसले पर प्रभावी कदम उठा रही है। विधायक ठुकराल ने कहा कि रुद्रपुर के हजारों परिवारों को नजूल भूमि पर मालिकाना हक दिलाये जाने का जो संकल्प और वचन दिया है। वह उसे अवश्य पूर्ण करेंगे।