देहरादून: नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर विधायक हरीशा धामी ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर हरीश धाम ने सबसे पहले प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना को अपना रिजाइन सौंपा और फिर मीडिया से रू-ब-रू हुए। हरीश धामी ने एक के बाद एक इंदिरा हृदेयेश पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इंदिरा हृदयेश को उनसे व्यक्तिगत समस्या है, जिसके लिए वो पार्टी को भी नुकसान पहुंचा रही हैं।
हरीश धामी ने कहा कि उनको जिस वक्त नेता प्रतिपक्ष बनाया जा रहा था। उन्होंने सबसे पहले विरोध किया था। पार्टी के 8 विधायक उनके खिलाफ थे। हाई कमान के कहने पर वो चुप रहे। उन्होंने कहा कि हमें कांग्रेस की चिंता है। इसलिए हम सवाल उठाते रहते हैंअ, लेकिन इंदिरा हृदयेश बार मुझ पर कठाक्ष करती रहती हैं। इसको लेकर हाई कमान से मिलने का समय मांगा गया है। अपनी बात को हाई कमान के सामने रखा जाएगा।
इसके बाद हरीश धामी ने इंदिरा हृदयेश पर अपने कारनामे छुपाने के लिए सरकार के साथ समझौता करने का आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने गठन के बाद कहा था कि सिडकुल घोटाले की जांच की जाएगी, लेकिन उन्होंने सरकार के साथ मिलकर सरकार विरोध नहीं करने का वादा किया और सरकार ने चुप्पी साध ली। धामी का आरोप है कि इंदिरा हृदयेश के पास यूपी के समय से अब तक का जितना अनुभव है। उससे वो कांग्रेस को अपने दम पर आगे ले सकती हैं, लेकिन उनको कांग्रेस से कहीं अधिक व्यक्तिगत लोभ ज्यादा है।