देहरादून: सियासी दलों के दिग्गजों से लेकर जनता को भी 10 मार्च का इंतजार है। कौन जीतेगा, कौन हारेगा, किसे कुर्सी मिलेगी और कौन पैदल हो जाएगा, इस पर सभी की निगाहें हैं। इस बार हुए विधानसभा चुनावों में प्रदेश में सियासत के नए रूप भी देखने को मिले। सीधी टक्कर तो भाजपा और कांग्रेस में है, लेकिन इस बार निर्दलीयों की भूमिका भी अहम हो सकती है।
सियासी गलियारों में उठा-पटक
चुनाव से पहले सरकार बनाने को लेकर सियासी गलियारों में उठा-पटक शुरू हो गई है। भाजपा और कांग्रेस में बैठकों का दौर चल रहा है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी दौरे पर हैं और बैठकों में शामिल हो रहे हैं। 2016 में भी कांग्रेस की सरकार को गिराने का जो प्रयास किया गया, इसमें विजयवर्गीय की भूमिका सबसे अहम थी।
कैलाश विजयवर्गीय
एक बार फिर से कैलाश विजयवर्गीय उत्तराखंड में हैं। दावे भी किये जा रहे हैं कि कांग्रेस और निदर्लीय प्रत्याशी भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि, कांग्रेस ने भाजपा के दावे पर चुटकी ली है। लेकिन, सूत्रों की मानें तो कुछ तो सियासी गलियारों में खिचड़ी पकनी शुरू हो चुकी है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि कांग्रेस के सात से आठ विधायक प्रत्याशी भाजपा के संपर्क में हैं और उनमें से 4 ऐसे है प्रत्याशी हैं, जिनके जीतने की पूरी संभावना है।
कमलनाथ सरकार
इससे राजनीतिक हलकों में यह बात भी तैरने लगी है कि उत्तराखंड में मध्य प्रदेश की पटकथा दोहराई जा सकती है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को भाजपा ने कुछ दिनों चलने देने के बाद गिरा दिया था। ऐसा ही कुछ प्लान उत्तराखंड के लिए भी माना जा रहा है। हालांकि, इसमें सच्चाई कितनी है, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन एक बात तो साफ है कि सरकार बनाने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अभी से पूरी ताकत झोंक दी है।
0.19 फीसदी कम हुआ मतदान
साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में इस साल 0.19 फीसदी कम मतदान हुआ। साल 2017 में 65.56 फीसदी मतदान हुआ था, तब महिलाओं का मतदान प्रतिशत 68.72 और पुरुषों का 61.11 फीसदी था।
महिलाओं ने 67.20 प्रतिशत मतदान किया
राज्य में कुल 65.37 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें महिलाओं ने 67.20 प्रतिशत मतदान किया। जबकि पुरुषों ने 62.60 प्रतिशत मतदान किया। इस बार उत्तराखंड की मातृशक्ति ने मतदान करने में पूरा उत्साह दिखाया। राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से ज्यादा रही। उत्तराखंड में 14 फरवरी को 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ था। जिसमें 65.37 फीसदी लोगों ने हिस्सेदारी की। इसके साथ ही 632 प्रत्याशियों ने सियासी रण में अपनी किस्मत आजमाई है।