देहरादून- उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों के लिए देहरादून स्थित एक होटल में दो दिनी प्रबोधन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रबोधन कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल के.के. पॉल ने किया. लेकिन अचंभित करने वाली बात यह है कि नवनिर्वाचित विधायकों के लिए रखे गए इस प्रबोधन कार्यक्रम में विधायक ही नदारद दिखे।
आपको बता दें यह प्रबोधन कार्यक्रम खासतौर पर नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित किया गया है ताकि विधायक विधानसभा की कार्यवाही को समझ सकें। इसलिए प्रबोधन कार्यक्रम विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए बेहद जरुरी है। बावजूद इसके कई नए विधायकों ने इसे हल्के में लिया और कार्यक्रम से गायब रहे। जबकि नव निर्वाचित विधानसभा सदस्यों को तमाम विधायी कर्यवाहियों की जानकारी देने के लिए उत्तर प्रदेश से कई संसदीय परम्पराओं के विद्वानों को आमंत्रित किया गया है।
लेकिन इसे सूबे का सौभाग्य समझें या कुछ और कि नव निर्वाचित सदस्य प्रबोधन कार्यक्रम की अहमियत को नहीं समझ पा रहे हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड का विकास कब, कैसे, और किसके जरिए होगा, जब विधायक लोकतंत्र में नीति-नियंताओं को समझने और अपने अधिकार व कर्तव्यों को समझाने वाले गंभीर प्रबोधन कार्यक्रम में ही दिलचस्पी न ले रहे हों।
बहरहाल प्रोधन कार्यक्रम में मंच पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, विधानसभा उपाध्यक्ष , संसदीय परंपराओं के बड़े जानकारों में शामिल वित्त मंत्री प्रकाश पंत और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश मौजूद रहीं। लेकिन जिनको रहना चाहिए था उनमें से अधिकांश नदारद रहे।