देहरादून- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट उत्तराखंड पलायन आयोग अपनी पहली रिपोर्ट शासन को सौंपने वाला है।
इसके लिए तारीख तय हो गई है जिसके मुताबिक आने वाली 15 अप्रैल को आयोग अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड शासन को सौंप देगा।
इस रिपोर्ट में पलायन के विभिन्न आयामों एवं पलायन की गम्भीरता से सम्बन्धित आंकड़ों का अध्ययन होगा।इसकी जानकारी पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एस.एस.नेगी ने उस वक्त दी जब सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने सीएम आवास में पलायन आयोग की वेबसाइट www.uttarakhandpalayanayog.com का आगाज़ किया।
इस मौके पर सीएम रावत ने आयोग की वेबसाइट को महत्वपूर्ण कदम बताते हुये कहा कि इससे लोगों को अपनी बात और सुझाव रखने का महत्वपूर्ण मंच मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन आयोग अच्छा कार्य कर रहा है। आयोग प्रदेश में सौ फीसदी सर्वेक्षण का काम चुका है।वहीं सीएम ने कहा कि कई लोगों ने रिवर्स माइग्रेशन की इच्छा जाहिर की है। पर्वतीय क्षेत्रों में खाली भूमि उपयोग हेतु कई लोगों ने आॅफर किया है।
वहीं आयोग के उपाध्यक्ष एस.एस नेगी ने आयोग की वेबसाइट के बारे में जानकारी दी। नेगी ने कहा कि इस वेबसाइट के जरिए लोगों के सुझाव प्राप्त करने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा प्रदेश के सभी गावों में शत-प्रतिशत सर्वे कर लिया गया है। सर्वे में ग्रामवासियों के पलायन से संबन्धित विभिन्न तथ्यों पर जानकारी जुटाई गई है।
नेगी ने बताया कि सर्वे के दौरान कई गावों में रिवर्स माइग्रेशन भी सामने आई है। कई गावों में लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी भी मिली है। जिन्हे प्रदेश के अन्य भागों हेतु माॅडल बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आयोग का कार्यालय पौड़ी के ग्राम्य विकास विभाग के भवन में काम कर रहा है। जबकि अप्रैल प्रथम सप्ताह में आयोग अपने स्वयं के भवन में शिफ्ट हो जायेगा।