देहरादून- उत्तराखंड में तेज धूप अभी से लोगों को तरसाने लगी है. मार्च में ही सूरज अपना प्रकोप दिखाने लगा है. मैदानी इलाकों में पारा बढ़ने से बेचैनी होने लगी है।
वहीं मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मसूरी और नैनीताल जैसे पहाड़ी क्षेत्र में भी जमकर गर्मी पड़ेगी. मार्च के अंतिम सप्ताह में पारा चार से छह डिग्री का उछाल ले सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार गर्मी की मार पहाड़ से लेकर मैदानों तक पड़ेगी। इसका मुख्य कारण कम बारिश का होना है। इस साल जनवरी से मार्च तक उत्तराखंड में बारिश से सामान्य से 66 फीसद कम रही है।
पिछले वर्ष मार्च के अंतिम सप्ताह से तुलना करें इस बार पारे में तीन से चार डिग्री का उछाल है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार तापमान में यह बढ़ोतरी केवल मैदानी क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि अल्मोड़ा, काशीपुर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग समेत टिहरी, श्रीनगर, हल्द्वानी, उधम सिंह नगर, हरिद्वार और देहरादून में होगी। उन्होंने बताया कि मार्च में अधिकतम तापमान 37 डिग्री तक पहुंचने के आसार हैं।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि पारे में आए उछाल के पीछे मुख्य कारण बारिश की कमी है। उन्होंने बताया कि पर्याप्त बारिश न होने से मार्च में सामान्य तापमान बढऩा शुरू हो गया। दरअसल, सामान्य तौर पर जनवरी से मार्च प्रदेश में 106.1 मिमी बारिश होनी चाहिए, लेकिन इस अवधि में महज 34.7 मिमी बारिश ही रिकार्ड की गई।
मौसम केंद्र के अनुसार अगले एक सप्ताह तक उत्तराखंड का मौसम शुष्क रहेगा जिसके कारण भी पहाड़ों से लेकर मैदानों तक तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। तीन अप्रैल के बाद मौसम बदलने की संभावना है जिससे बढ़े तापमान में कमी आ सकती है।