हरिद्वार- उत्तरप्रदेश में भाजपा की प्रचंड बहुमत वाली सरकार और योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद अब संत समाज और अखाड़ा परिषद को अयोध्या में राम मंदिर बनने की उम्मीद जगी है। तो वहीँ सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा मामले को आपसी रज़ामंदी से सुलझाने की सलाह पर विचार करते हुए संत समाज ने हरिद्वार में एक अहम बैठक का आयोजन किया। जिसमे कई संतो ने हिस्सा लिया।
बैठक बाद अखाड़ा परिषद् के प्रवक्ता मोहन दास बाबा ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण हिन्दुओ की आस्था से जुड़ा हुआ मामला है बीजेपी अगर पूर्ण बहुमत में भी राम मंदिर का निर्माण नहीं कर पाती तो साधु संतो का बीजेपी से विश्वास समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अखाडा परिषद् जल्द राम मंदिर मसले पर बैठक करेगा। वहीं उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरुओं से भी इस सम्बन्ध में अखाड़ा परिषद बैठक कर विचार विमर्श करेगा
वहीं स्वामी हरिचेतनानंद ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय को इसके लिए आगे आना चाहिए। स्वामी ने कहा कि सभी जानते है कि वहां रामलला का मंदिर है और पूजा होती है। लिहाजा मुस्लिम समुदाय को आगे बढ़कर इस कार्य को संपन्न कराने में मदद करनी चाहिए।
जबकि राममंदिर आंदोलन में शिरकत करने वाले स्वामी ज्ञान देव और संत महेश्वर दास का कहना है कि देश के सभी नागरिकों को इस मंदिर-मस्जिद के विवाद से ऊपर उठकर मुद्दे को सुलझाने की ज़रुरत है। ये काम बिना सद्भाव के नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इस बात से कोई इन्कार नहीं कर सकता कि अयोध्या भगवान राम की जन्म भूमि नहीं है । बहरहाल होगा क्या ये तो आने वाले वक्त बताएगा फिलहाल सियासत के गलियारे में एक बार फिर से मंदिर-मस्जिद मसला हॉट टॉपिक बन गया है।