
महिला के परिजनो को आरोप है कि राज्य में चल रही मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को जैसे ही राज्य स्थापना दिवस के मौके पर बंद करने का सरकारी ऐलान हुआ। निजी अस्पतालों ने
योजना के तहत ईलाज करा रहे मरीजों पर बेदखली का सितम ढाहाना शुुरू कर दिया। आरोप है कि निजी अस्पतालों को अपनी पूंजी फंसने का डर सताने लगा। लिहाजा उन्होनें मरीजों को अस्पताल से घर ले जाने का फरमान सुना दिया और जिनकी माली हालत खुद से ईलाज कराने की नहीं है उन्हें जबरन अस्पताल ने निकालना शुरू भी कर दिया।

खबर के मुताबिक देहरादून के हरिद्वार रोड़ स्थित एक निजी ट्रामा सेंटर में भरती महिला मरीज के परिजनों ने महिला की मौत के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को बंद करने के सरकारी फरमान को जिम्मेदार ठहराया। महिला की मौत से आक्रोशित परिजनों ने महिला के शव को अस्पताल के गेट पर रखकर हंगामा भी काटा।
परिजनों का आरोप है कि राज्य में जारी मुख्यमंत्री सवास्थ्य योजना के बंद होने की खबर से अस्पताल प्रशासन ने बीमार महिला को icu से बाहर निकाल दिया और दवाइयां देने से भी इनकार कर दिया। परिजनों की माने तो अस्पताल प्रशासन ने दो टूक कहा कि सरकार ने योजना बंद कर दी है। लिहाजा अब अस्पताल योजना के तहत मुफ्त में ईलाज नहीं कर सकता।